मनीष सिसोदिया ने कहा- केंद्र ने छवि सुधारने के लिए कर दिया टीकों का निर्यात, अपनों को मरने के लिए छोड़ दिया
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रविवार को से वैक्सीन की कमी को लेकर केंद्र सरकार के रवैये पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कोरोना टीका निर्यात पर कई सवाल उठाते हुए कहा कि हमारे वैज्ञानिकों ने देश के लिए 2-2 वैक्सीन की खोज की. लोगों में वैक्सीन से उम्मीद जगी कि अब कोरोना से मृत्यु नहीं होगी लेकिन इसके बावजूद हम अपने देश के लोगों की जान कोरोना से बचा नहीं पा रहे है। जिस समय देश में लोग कोरोना से जूझ रहे थे, इलाज न मिलने से मर रहे थे, ऐसे में केंद्र सरकार वैक्सीन का विदेशों में निर्यात कर अपनी इमेज बनाने में लगी थी।
मनीष सिसोदिया ने कहा कि भारत सरकार ने पिछले तीन महीनों में 93 देशों को कोविड टीके भेजे हैं। सरकार ने उन्हें 6.5 करोड़ खुराकें दी हैं। उन्होंने कहा कि देश में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान करीब एक लाख लोगों की मौत हो गई। अगर टीकों का निर्यात नहीं किया जाता तो ये टीके इन लोगों की जान बचा सकते थे। केंद्र सरकार में कुछ लोग कहेंगे कि वह अंतरराष्ट्रीय संधियों से बंधे हुए थे। अमेरिका, फ्रांस और यूरोपीय संघ के देश भी इन संधियों का पालन करते हैं, लेकिन किसी ने भी अन्य देश को प्राथमिकता नहीं दी।
उप मुख्यमंत्री सिसोदिया ने कहा कि केवल हमने दूसरों को टीके दिए वो भी तब जब हमारे खुद के लोग मर रहे थे। उपमुख्यमंत्री ने सवाल किया कि क्या विदेशों को वैक्सीन का निर्यात करना केवल केंद्र सरकार की छवि सुधारने के लिए था या कुछ अन्य देशों से वाहवाही सुनने के लए किया गया था। उन्होंने सरकार से किया कि टीकों का निर्यात करने से पहले देश में सभी का टीकाकरण किया जाए।
दूसरी तरफ मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में उन्होंने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक को निर्देश देने की गुहार लगाई है। मई से जुलाई के दौरान दिल्ली में वैक्सीन की मासिक आपूर्ति को बढ़ाकर 60 लाख खुराक करे दें। साथ ही राज्यों को टीकाकरण के लिए अलग ऐप या तंत्र विकसित करने की अनुमति दें।