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02 October 2021

कम उम्र में शादी, 20 वर्ष की महिलाओं के 4-4 बच्चे, सरकारी रिपोर्ट ने खोली इस राज्य की पोल

File Photo

केरल सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार 2019 में बच्चों को जन्म देने वाली 4.37 फीसदी माताएं 15-19 की उम्र की थीं। इनमें से कुछ तो 19 साल में दूसरे या तीसरे बच्चे को जन्म दिया था। महिला सशक्तिकरण और शिक्षा में प्रगति के बाद भी केरल में बाल विवाह के ये आंकड़े चिंता जनक हैं।

राज्य के आर्थिक और सांख्यिकी विभाग ने सितंबर में यह रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके आंकड़ें चौकाने वाले हैं। रिपोर्ट में बता चला कि 20 हजार 955 माताएं 15 से 19 साल के बीच की है। इनमें से 15 हजार 248 शहरी इलाकों में रहती हैं। केवल 5 हजार 747 माताएं ग्रामीण इलाकों की रहने वाली हैं। इसमें 20 साल से कम आयु की माताओं में से 316 ने अपने दूसरे बच्चे को जन्म दिया, 59 ने अपने तीसरे और 16 ने अपने चौथे बच्चे को जन्म दिया।

धर्म के आधार पर आंकड़े

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इस ग्रुप में यदि धर्म के आधार पर देखा जाए तो इसमें 11,725 मुस्लिम, 3,132 हिंदू और 367 ईसाई माताएं हैं।

शिक्षा के आधार पर आंकड़े

शिक्षा के आधार पर देखा जाए तो इस रिपोर्ट में अधिकतर माताएं शिक्षित थीं। 16 हाजर 139 ने 10वीं कक्षा पास की थी, लेकिन स्नातक नहीं थीं। केवल 57 निरक्षर थे। 38 ने प्राथमिक स्तर की शिक्षा प्राप्त की थी। 1 हाजर 463 ने प्राथमिक स्तर और कक्षा 10 के बीच अध्ययन किया था। इस रिपोर्ट में 3 हजार 298 माताओं के बारे में शिक्षा की जानकारी नहीं दी गई है।

केरल पुलिस के अपराध आंकड़ों के अनुसार इस साल 2016 से 2021 जुलाई तक बाल विवाह निषेध से जुड़े केवल 62 मामले दर्ज किए गए। पिछले सप्ताह मलप्पुरम में पुलिस ने 17 साल की लड़की की शादी होने पर केस दर्ज किया था।

 

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TAGS: केरल मॉडल, केरल सरकार, केरल आर्थिक और सांख्यिकी विभाग, महिला सशक्तिकरण, Kerala Model, Government of Kerala, Kerala Economic and Statistics Department, Women's Empowerment
OUTLOOK 02 October, 2021
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