मथुरा गोलीकांड: मृतकों की संख्या 29 हुई, आयुक्त ने शुरू की जांच
उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित जवाहर बाग में हुए गोलीकांड में घायल दो लोगों की रविवार को मौत हो जाने से मरने वालों सी संख्या बढ़कर 29 हो गई। मुख्य चिकित्साधिकारी विवेक मिश्रा ने बताया कि एक अज्ञात अतिक्रमणकारी की जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। उन्होंने बताया कि एक अन्य आजमगढ़ निवासी पिंकू की आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में इलाज के क्रम में मौत हो गई। वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राकेश सिंह ने बताया कि मामले में आजाद भारत विधिक वैचारिक क्रांति सत्याग्रही संगठन से जुड़े तीन हजार लोगों के खिलाफ 45 मामले दर्ज किए गए हैं। इस संगठन का दावा नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़े होने का है। इस बीच अलीगढ़ के आयुक्त चंद्र कांत ने घटना की परिस्थितियों का पता करने के लिए जांच शुरू कर दी है।
इस घटना को लेकर राज्य की सपा सरकार निशाने पर है और विपक्ष ने उसकी तीखी आलोचना की है। कांत ने कहा कि वह घटना के कारणों की तह में जाएंगे और संभावित चूक सुनिश्चित करेंगे। उन्होंने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट एक पखवाड़े के अंदर सरकार को सौंप देंगे। आयुक्त ने जिलाधिकारी राजेश कुमार, एसएसपी राकेश सिंह सहित जिले के शीर्ष अधिकारियों से मुलाकात की और कहा कि वह प्रत्यक्षदर्शियों और अन्य के बयान दर्ज करने के लिए घटनास्थल का दौरा करेंगे जहां दो पुलिस अधिकारियों की भी मौत हो गई थी। उन्होंने कहा, घटना क्यों हुई, क्या इससे उचित तरीके से निपटा गया, ऑपरेशन जवाहर बाग में चूक, कमियों का स्तर, क्या गोली चलाने का आदेश देर से दिया गया तथा अन्य बिंदुओं पर भी गौर किया जाएगा।
जिले के एसएसपी राकेश सिंह ने कहा कि किसी भी प्रकार के विस्फोटक और छिपाए गए हथियारों की खोज के लिए तलाशी अभियान जारी है और यह कल भी जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि संगठन के नेता रामवृक्ष यादव को वित्तीय सहायता और हथियार मुहैया कराने वालों का पता लगाने के लिए कुछ और लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है। रामवृक्ष यादव सहित 11 लोगों के जले हुए शव कल बरामद किए गए थे। सिंह ने कहा कि अब तक दो महिलाओं समेत कुल 10 अतिक्रमणकारियों के शवों की शिनाख्त की गई है। अन्य शवों की पहचान के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। इस बीच केंद्रीय राज्यमंत्री एवं फतेहपुर से भाजपा सांसद साध्वी निरंजन ज्योति ने इस मामले के पीछे प्रदेश के लोक निर्माण विभाग मंत्री शिवपाल सिंह यादव के दोषी होने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि जवाहर बाग पर कब्जा करने वालों को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के छोटे भाई शिवपाल का संरक्षण प्राप्त था। उन्होंने सवाल किया कि दो साल से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी उन लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।