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06 December 2016

जनता को फकीर बनाने वाली भाजपा को चाैथे नंबर पर पहुंचाएं : मायावती

बाबा साहब की पुण्यतिथि के बहाने मायावती ने खूब सियासी तीर चलाए। उन्होंने कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने एक चौथाई चुनावी वादे भी पूरे नहीं किए हैं। मोदी सरकार द्वारा राजनीतिक स्वार्थ के लिए उठाये गए नोटबंदी के अपरिपक्व कदम से देश की लगभग 90 प्रतिशत जनता फकीर और कंगाल बनती जा रही है। उन्होंने कहा कि मोदी को उनके राजनीतिक स्वार्थ की सजा उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में होने वाले चुनाव में मिलेगी। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा, आप इरादा करें कि भाजपा को चुनाव में सबसे पीछे यानी चौथे नंबर पर पहुंचाना है। उसे सबक मिलना चाहिए कि जनता को परेशान करने का अंजाम कैसा होता है।

मायावती ने भाजपा और संघ पर संविधान का धर्मनिरपेक्ष स्वरूप समाप्त करने की कोशिश करने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये शक्तियां संविधान को बदलकर हिंदुत्व पर आधारित जातिवादी वर्ण व्यवस्था स्थापित करने में जुटी हैं। आज मुस्लिम और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक अगर थोड़े बहुत सुरक्षित हैं तो यह अंबेडकर की ही वजह से है। अंबेडकर द्वारा संविधान में दिए गए अधिकारों की रक्षा और अपनी सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए दलितों,  पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यकों को सत्ता की मास्टर चाबी अपने हाथ में लेनी होगी। यह आपके हाथ में न आए इसके लिए सभी वर्गों के शोषणकर्ता साम, दाम, दंड, भेद के सहारे आपस में बांटने की कोशिश में लगे हैं।

मायावती ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि आजादी के बाद लंबे अर्से तक केंद्र और राज्यों की सत्ता में रही कांग्रेस ने संविधान के तहत दलितों, पिछड़ों और धार्मिक अल्पसंख्यकों को दिए गए अधिकारों का पूरा लाभ उन्हें नहीं दिया। साथ ही अंबेडकर को देश के सर्वोच्च असैन्य सम्मान भारत रत्न से भी नहीं नवाजा। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि विरोधी पार्टियां अक्सर यह कहकर दलितों और पिछड़ों में फूट पैदा करने की कोशिश करती हैं कि अंबेडकर ने सिर्फ दलितों का ही ध्यान रखा था, जबकि यह सचाई नहीं है।

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उन्होंने कहा कि अंग्रेजों के शासनकाल में अन्य पिछड़े वर्गों को शूद्र और दलितों को अति शूद्र कहा जाता था। उस समय अंग्रेजी शासकों ने इनकी पहचान के लिए सूची मांगी थी। इस बात से अंबेडकर सहमत हो गए थे। जब सूची तैयार हो रही थी,  तब उनके शोषणकर्ताओं, जिनके हाथों में विरोधी पार्टियों का नेतृत्व है, उन्होंने साजिश करके उनमें से अनेक लोगों को जबरन नकली ब्राह्मण, वैश्य और क्षत्रिय बनाकर उन्हें सूची में शामिल नहीं होने दिया था। बसपा मुखिया ने कहा कि अंबेडकर ने ऐसे गुमराह किए गए लोगों को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए संविधान में अनुच्छेद 340 की व्यवस्था की, जिसमें स्पष्ट किया कि देश में जो जातियां अनुसूचित जाति एवं जनजाति में शामिल नहीं हुई हैं, उनकी शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति के मद्देनजर चुनी गई सरकार आयोग बनाए और उनके आरक्षण की व्यवस्था करे। मंडल आयोग की सिफारिशों के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण की सुविधा मिली। उन्होंने कहा कि वर्ष 1989 में जब तत्कालीन प्रधानमंत्री वी. पी. सिंह ने बसपा के समर्थन के एवज में उसकी तीन प्रमुख मांगों यानी अंबेडकर को भारत रत्न की उपाधि देने, मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करने और भाजपा का अयोध्या एजेंडा लागू नहीं होने देने की बातें मान लीं तो भाजपा ने उनकी सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इससे साबित हो जाता है कि कांग्रेस की ही तरह भाजपा भी देश में दलित, अन्य पिछड़ा वर्ग और मुस्लिम समेत धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ है।

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TAGS: mayawati, bheem rao ambedkar, मायावाती, भीमराव अंबेडकर
OUTLOOK 06 December, 2016
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