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16 September 2017

राज्यसभा से इस्तीफे के बाद मायावती भाजपा के खिलाफ क्या संदेश देना चाहती हैं?

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बसपा प्रमुख मायावती मायावती राज्य सभा से इस्तीफा देने के बाद राजनीतिक फलक से गायब चल रही हैं। लेकिन अब उन्होंने फिर से जनता के बीच जाने का फैसला किया है। बीजेपी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की दलित और अल्पसंख्यक विरोधी नीतियों के खिलाफ आगामी सोमवार से जनता को आगाह करने के अभियान का आगाज करेंगी।

ऐसे समय में जब यूपी चुनाव के बाद से ऐसा माना जा रहा है कि दलित वोट बैंक में भाजपा ने कुछ हद तक सेंध लगाई है, तब मायावती का निश्चित रूप से भाजपा को लेकर आक्रामक होना स्वाभाविक है। फिर 2019 के लोकसभा चुनाव भी नजदीक आ रहे हैं।

रोहित वेमुला की आत्महत्या, गुजरात के ऊना में दलितों के खिलाफ हिंसा जैसे मुद्दों से वो फिर से अपने वोट बैंक को सुनिश्चित करना चाहेंगी। भाजपा ने रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाकर एक बड़ा संदेश देने की कोशिश की थी, जिसको लेकर मायावती भी चिंतित होंगी।

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इसीलिए फिलहाल अपनी पहली रैली में मायावती भाजपा पर ही हमलावर रहेंगी। बीएसपी ने प्रेस रिलीज में बताया दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सरकार की दमनकारी नीतियों के प्रति जागरुक करने के इस अभियान की शुरुआत मेरठ में 18 सितंबर से होगी। इसके लिए आयोजित विशाल रैली को मायावती संबोधित करेंगी।

पिछले महीने संसद के मानसून सत्र में राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद मायावती की यह पहली बड़ी रैली होगी। मेरठ, सहारनपुर और मुरादाबाद जिलों में दलित एवं अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों को निशाना बनाने की बढ़ती घटनाओं को ध्यान में रखते हुए बीएसपी ने जनजागरण अभियान की शुरुआत मेरठ से करने की पहल की है।

बीएसपी ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा कि बीजेपी की केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार अल्पसंख्यकों, किसान, मजदूर, गरीब खासकर दलित विरोधी गतिविधियों को जातिवाद, सांप्रदायिक और पूंजीवाद के हथियार से संचालित कर रही है। बीजेपी की इस साजिश का पर्दाफाश करने के लिए बीएसपी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बीएसपी प्रमुख की मेरठ रैली से विशेष अभियान की शुरुआत कर रही हैं।

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TAGS: mayawati, rally, rajya sabha, meerut, bahujan samaj party
OUTLOOK 16 September, 2017
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