मेधा पाटकर ने ठुकराई सीएम शिवराज की अपील, अनशन जारी
‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ की पैरोकार मेधा पाटकर ने ट्विट कर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील करते हुए कहा, अगर सरकार को अनशन पर बैठे सभी लोगों की चिंता है, तो यहां आकर बातचीत करें। ट्विटर से गंभीर संवाद मुमकिन नहीं है।
वहीं, इस ट्विट के जवाब में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने सरदार सरोवर डूब प्रभावितों के हक के लिए अनशन कर रही सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर से अपील की है कि वे अनशन तोड़ दें। शिवराज ने कहा कि मुझे मेधाजी और उनके साथियों के स्वास्थ्य की चिंता है। उनसे अनुरोध है कि सभी अपना अनशन तोड़ दें। मैंने खुद विस्थापितों से बात करने के बाद उनकी जरूरतें पूरा करने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, मैं और पूरा प्रशासन विस्थापितों के साथ खड़ा है।
बता दें कि बांध की ऊंचाई बढ़ाने से मध्यप्रदेश की नर्मदा घाटी के लगभग 192 गांव और लगभग 40 हजार परिवार डूब क्षेत्र में समां जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने 31 जुलाई तक सभी के पुनर्वास के निर्देश दिए थे, मगर अब तक कई काम अधूरे पड़े हुए हैं। बेहतर पुनर्वास की मांग को लेकर मेधा पाटकर 11 अन्य लोगों के साथ धार जिले के ग्राम चिखल्दा में उपवास पर हैं।
इस बीच, जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव ने भी चिठ्ठी लिख मेधा और अन्य अनशनकारियों से अनशन तोड़ने की अपील की। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ को समर्थन दिया है।
कल अनशनकारियों की हालत नाजुक होने पर धार जिला प्रशासन ने रात 11 बजे स्वास्थ विभाग की टीम को भेज मेधा पाटकर समेत सभी अनशनकारियों का स्वास्थ परीक्षण किया। डॉक्टरों के दल ने मेधा समेत दो अन्य लोगों में डिहाइड्रेशन बताया है। अनशनकारियों ने इलाज लेने से इंकार कर दिया है।
.@medhanarmada जी मुझे आप के और आपके साथियों के स्वास्थ्य की चिंता है। मेरा आपसे नम्र निवेदन है कि आप सभी अपने अनशन को समाप्त करें।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 4, 2017
सभी विस्थापितों के हितों की चिंता करना मेरा कर्तव्य है, मैं और पूरा प्रशासन उनके साथ पूरी तरह खड़े हैं।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 4, 2017
मैंने ख़ुद विस्थापितों से बात कर उनकी और भी जो ज़रूरतें थी उनको पूरा करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 4, 2017
नर्मदा घाटी के विस्थापितों के पुनर्वास का कार्य नर्मदा पंचाट एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश अनुसार पूर्ण किया गया है।
— ShivrajSingh Chouhan (@ChouhanShivraj) August 4, 2017