कोलकाता में बच्चों के 14 शव नहीं मेडिकल कचरा मिला था
कोलकाता के हरिदेवपुर इलाके में मिले नवजात बच्चों के कथित 14 शवों के मामले में नया मोड़ आ गया है। पैकेटों की जांच के बाद चिकित्सकों ने पूरी तरह से इस बात को खारिज कर दिया है कि इसमें बच्चों या मानव से जुड़े कोई अवशेष थे। चिकित्सकों के अनुसार यह मेडिकल कचरा था जिसे मेडिकल की भाषा में ड्राइ आइस भी कहा जाता है।
बाद में कोलकाता पुलिस ने कहा है कि प्लास्टिक के थैलों में शिशुओं के शव नहीं थे। दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र के डीसी नीलंजन बिस्वास ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि प्लास्टिक थैलों में वास्तव में शव नहीं मेडिकल कचरा था।
असमंजस की स्थिति;
पैकेटों की जांच रिपोर्ट आने के पहले संबंधित विभाग के दो अधिकारियों ने पैकेटों में बच्चा होने की बात कह दी थी जिसे लेकर कुछ लोग इस पर सवाल उठाने लगे थे। हालांकि चिकित्सकों के बाद पुलिस की ओर पुष्टि हो जाने से स्थिति स्पष्ट हो चुकी है कि कचरे में बच्चों के शव नहीं थे।
क्या था मामला;
रविवार यानि 2 सितंबर को कोलकाता के दक्षिण इलाके हरिदेवपुर में एक प्लॉट में एक थैले में 14 पैकेट मिले थे। इस सभी पैकेट्स को पहले नवजात बच्चों का शव मानकर पुलिस ने जांच शुरु की थी। इतना ही नहीं पुलिस ने कहा था कि शव लगभग कंकाल में बदल चुके थे।
न्यूज एजेंसी एएनआई ने खबर दी थी कि वीरान पड़े एक प्लॉट में सफाई कार्यक्रम के दौरान 14 बच्चों के कंकाल बरामद हुए। मामला सामने आते ही कोलकाता पुलिस तुरंत हरकत में आ गई थी और इस घटना से पूरे इलाके में लोग कथित तौर पर सकते में आ गए थे।
पुलिस खंगाल रही थी सीसीटीवी;
बेहला के डीसी नीलांजन बिस्वास ने कहा था कि “पोस्टमॉर्टम के बाद ही कंकालों के बारे में कुछ कहा जा सकता है। इसके अलावा हम उस इलाके की सीसीटीवी तस्वीरें भी खंगाल रहे हैं। पूरी जांच कल सुबह की जाएगी।“
एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई थी कि बच्चों की तस्करी करने वाला गिरोह इसके पीछे हो सकता है। मामले की गंभीरता देखते हुए शहर के मेयर सावन चटर्जी और पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार मौके पर पहुंचे।