#MeToo: पंजाब के मंत्री पर महिला IAS अफसर को विवादित मैसेज भेजने का आरोप
#मीटू अभियान के तहत पंजाब के एक मंत्री भी उत्पीड़न जैसे विवाद में फंस गए हैं। कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार के इस मंत्री द्वारा राज्य की एक सीनियर महिला आइएएस अधिकारी को विवादित मैसेज भेजने का मामला तूल पकड़ गया है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने एक बार इसको लेकर मंत्री को फटकार लगाई थी और माफी भी मंगवाई लेकिन मामला शांत होता नहीं दिख रहा है। कुछ समय तक यह मामला शांत हो गया था लेकिन आरोप है कि मंत्री ने फिर ऐसा मैसेज भेज दिया। इससे खलबली मच गई है। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पूरे मामले की जानकारी खुद तक आने की बात कही है। ऐसे में कैप्टन की कैबिनेट में रेत के खडडों को लेकर अपना मंत्री पद गंवा चुके राणा गुरजीत सिंह के बाद अब एक और मंत्री पर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं।
बात मुख्यमंत्री के बाद पार्टी हाईकमान तक भी पहुंच चुकी है। चूंकि, मुख्यमंत्री इस समय इजरायल की यात्रा पर हैं इसलिए अब मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई उनके लौटने पर होगी। इधर, मुख्यमंत्री आफिस इस नए संकट के चलते सरकार की हो रही बदनामी को लेकर सक्रिय हो गया है। बुधवार को दिन में मुख्यमंत्री आफिस के अधिकारियों ने इस संबंध में मीटिंग भी की। सूत्रों का कहना है कि इस मामले में महिला आइएएस अधिकारी को भ्ाी बुलाया गया था।
महिला अधिकारी ने सीएम से की शिकायत, हाईकमान भी नाराज, मंत्री को पद से हटाने का दबाव
महिला आइएएस अफसर इस बात को लेकर पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाना चाहती थीं लेकिन फिलहाल मामला रोक लिया गया है क्योंकि कैप्टन अमरिंदर सिंह विदेश में हैं। मामला कांग्रेस हाईकमान के सामने भी पहुंच गया है और मंत्री को कैबिनेट से बर्खास्त करने का दबाव कैप्टन पर बढ़ गया है। बताते हैं कि कैप्टन के विदेश से लौटते ही मंत्री पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। राज्य के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि इस तरह की हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
जब इस संबंध में मंत्री से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्होंने कोई गलत मैसेज महिला आइएएस को नहीं भेजा है। दूसरी ओर महिला आइएएस अधिकारी भी इस पर कुछ बोलने को राजी नहीं हैं। पता चला है कि मंत्री ने उन्हें काफी समय पहले भी मैसेज भेजे थे तब उन्होंने पहले मंत्री को ऐसा करने के लिए मना किया। लेकिन, जब मंत्री नहीं माने और उन्होंने मैसेज भेजने जारी रखे तो महिला आइएएस अफसर ने मुख्यमंत्री को इसकी शिकायत कर दी।
बताया जाता है कि यह महिला आइएएस इस मंत्री के महकमे में काम भी नहीं करती है। वह किसी और महकमे में है। मंत्री उन्हें अपने महकमे में लाना चाहते थे लेकिन महिला आइएएस ने उनके साथ काम करने से मना कर दिया। इसके बावजूद मंत्री उन्हें मैसेज करने से बाज नहीं आए। मी-टू मामले को लेकर जिस तरह की कार्रवाई एनएसयूआई के प्रधान पर की गई है वैसे ही कार्रवाई अब इस मंत्री पर की जानी तय है। फिलहाल आइएएस अधिकारी मुख्यमंत्री के विदेश से लौटने का इंतजार कर रही हैं।
मुख्यमंत्री बोले, मेरी जानकारी में आई थी शिकायत
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी माना है कि यह मामला उनकी जानकारी में आ गया था। मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी कर कहा है, ' कुछ सप्ताह पहले ही यह मामला मेरी जानकारी में आ गया था। इस मामले को मैने बेहद ही गंभीरता से लिया था।'
मुख्यमंत्री ने कहा, 'मैने मंत्री से महिला अधिकारी से माफी मांगने और अधिकारी को संतुष्ट करने के लिए कहा था।' मुख्यमंत्री ने मंत्री का नाम तो नहीं लिया लेकिन यह जरूर कहा कि मुझे लगता है कि मंत्री ने महिला अधिकारी से माफी मांग ली होगी और यह मामला खत्म हो गया होगा।
सुखबीर ने कांग्रेस पर किया हमला, बोले- राहुल अपना रहे हैं दोहरी नीति
उधर, शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर बादल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह से मंत्री के चेहरे से नकाब उतारने की मांग की है। उन्होंने पूछा कि आखिर किस मंत्री ने किसी महिला अधिकारी को गलत मैसेज भेजने की हिमाकत की है। उन्होंने कहा कि अभी तक उस मंत्री के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि यह मामला नया नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री ने अभी तक मंत्री के खिलाफ न तो कोई कार्रवाई की है और न ही पंजाब की जनता को बताया है कि यह मंत्री कौन है?
सुखबीर बादल ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि मी-टू केस में विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर से इस्तीफा मांगने वाले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी इस मामले से अवगत हैं, इसके बावजूद मंत्री पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस हाईकमान मंत्री पर कार्रवाई नहीं करता है तो इससे साफ है कि कांग्रेस महिला के सम्मान की सुरक्षा नहीं कर पा रही है। उन्होंने राहुल गांधी पर दोहरी नीति अपनाए जाने का आरोप लगाया।