कर्ज से परेशान किसान ने दी जान, मंत्री बोले- भावना में बह आत्महत्या कर रहे किसान
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले में किसान गोकुल पाल ने खेत में पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। मृतक के बेटे नरेश ने बताया कि उसके पिता कर्ज और फसल बर्बाद होने से परेशान थे। इस बीच, किसानों की खुदकुशी पर मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने बेतुका बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि किसान फसल बर्बाद होने के कारण जान नहीं दे रहे। भावुक होने के कारण बिना कुछ सोचे-समझे आत्महत्या कर रहे हैं।
भोपाल के जम्बूरी मैदान में 17 दिसंबर को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के प्रस्तावित कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे भार्गव ने कहा कि किसान सरकार की योजनाओ को जाने बिना खुदकुश्ाी जैसा कदम उठाते हैं। गोकुल पाल की खुदकुशी के लिए नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने प्रदेश की भाजपा सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि किसानों के हालात बदतर हो गए हैं, लेकिन भार्गव जैसे मंत्री अपने बयान से उनके मौत का मजाक उड़ा रहे हैं।
भार्गव का बयान ऐसे वक्त में सामने आया है जब मप्र में उपज का उचित मूल्य नहीं मिलने के कारण किसानों में काफी नाराजगी है। बुधवार को रायसेन जिले के बेगमगंज के सरकारी वेयर हाउस में यूरिया लेने के लिए लाइन में लगे एक किसान की तबीयत बिगड़ने के बाद किसानों ने सागर मार्ग पर वाहन का परिचालन रोक दिया था। परिजनों ने बताया कि सुदामा प्रसाद नामदेव (55) अपने छोटे बेटे श्रीराम नामदेव को साथ लेकर सरकारी वेयर हाउस स्थित खाद वितरण केन्द्र पर सुबह सात बजे से लाइन में लगे थे। घंटों धूप में खड़े रहने के कारण अचानक उनके सीने में तेज दर्द हुआ और वह चक्कर खाकर गिर पड़े। परिजनों के मुताबिक वे चार दिन से वेयर हाउस आ रहे थे लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रहा था। बुधवार को ही विदिशा कृषि उपज मंडी में किसानों और व्यापारियों के बीच भाव और तुलाई को लेकर विवाद हो गया था। दो-दो दिन तक अपनी उपज बेचने के लिए इंतजार करने से परेशान किसानों ने नेशनल हाइवे 86 पर चक्काजाम कर दिया था।