अब दो करोड़ रुपये खर्च कर पाएंगे यूपी के विधायक
उत्तर प्रदेश सरकार ने विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि के मार्गदर्शी सिद्धांतों में संशोधन करते हुए विधान मंडल के सदस्य को उनके क्षेत्र के विकास के लिए 2.40 करोड़ रुपये की धनराशि देने का निर्णय लिया है। इसमें से सदस्य की संस्तुति पर संबंधित मुख्य विकास अधिकारी प्रत्येक वित्तीय वर्ष के दौरान दो करोड़ रुपये तक के ही कार्यों को स्वीकृत करेंगे। अवशेष 40 लाख की धनराशि से निर्माण कार्यों पर लगने वाले जीएसटी की प्रतिपूर्ति प्रत्येक तिमाही में की जाएगी।
प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश के सभी मुख्य विकास अधिकारियों को इस बारे में दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं। सभी मुख्य विकास अधिकारी दिशा-निर्देशों में दिए गए प्रावधानों एवं राज्य सरकार द्वारा ऐसे कार्यों के क्रियान्वयन हेतु स्थापित कार्य विधि के अनुसार अनुमन्य स्वीकृत कार्यों को क्रियान्वित कराएंगे।
क्षेत्र विकास निधि के तहत हर साल 2.40 करोड़ रुपये मिलेंगे, जिसमें जीएसटी की धनराशि भी सम्मिलित है। इसका आवंटन निर्वाचन क्षेत्र के लिए है। यद्यपि किसी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले विधान सभा/विधान परिषद सदस्य बदल सकते हैं और ऐसे परिवर्तन का कारण कुछ भी हो सकता है। चूंकि आवंटन निर्वाचन क्षेत्र के लिए होता है इसलिए इस योजना के तहत निर्माणाधीन कार्यों पर कार्यवाही निरंतर जारी रखनी चाहिए।
नए गाइडलाइन के अनुसार डीएम या सीडीओ द्वारा जिला योजना में तैयार किए गए कार्यों की सूची विधान मंडल सदस्यों को उपलब्ध कराई जाएगी। जिससे जिला योजना में चिन्हित कार्यों में से जो कार्य विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि योजना के तहत कराए जा सकते हैं, उन्हें करने के लिए विधान मंडल क्षेत्र विकास निधि से धनराशि संबंधित सदस्य की अनुशंसा के बाद उपलब्ध कराई जा सके।
कभी किसी भी कारणवश विधान सभा/विधान परिषद सदस्य बदलते हैं और यदि पूर्ववर्ती विधान सभा/विधान परिषद सदस्य द्वारा कोई भी कार्य अभिज्ञापित नहीं किया गया है तो उन पूर्ववर्ती सदस्य के संबंध में आवंटित या अवमोचित राशि उनके उत्तरवर्ती सदस्य को उस वर्ष के लिए आवंटित 2.40 करोड़ रुपये, जिसमें जीएसटी की भी धनराशि सम्मिलित है और धनराशि अलग से उपलब्ध नहीं कराई जाएगी।
संशोधित गाइडलाइन में कहा गया है कि योजना के तहत विधान मंडल के सदस्यों की संस्तुति पर कराने वाले निर्माण कार्यों पर लगने वाले जीएसटी का भुगतान विधान मंडल के सदस्यों को उनके क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए प्रतिवर्ष उपलब्ध होने वाली धनराशि 2.40 करोड़ रुपये से ही प्रत्येक तिमाही में किया जाएगा।