कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट बंद, पत्थरबाजी में आई कमी
आतंकवाद और अलगाववाद से जूझ रहे कश्मीर घाटी में सेना और अलगावदियों के बीच लगातार संघर्ष की घटनाएं होती रहती हैं। जिसमें सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी कर उकसाने के आरोप भी लगते रहे हैं। बताया गया कि घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन में बाधा डालने और सुरक्षा बलों पर पत्थरबाजी के लिए युवाओं को व्हाट्सएप्प ग्रुप के जरिये उकसाया जाता था।
एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि करीब 300 व्हाट्सएप्प ग्रुप के जरिये पत्थरबाजों को सुरक्षा बलों के ऑपरेशन की जानकारी दी जाती थी। इसके जरिए उन्हें मुठभेड़ स्थल पर इकट्ठा कराया जाता था। अधिकारी के अनुसार, इनमें से अब 90 प्रतिशत व्हाट्सएप्प ग्रुप बंद हो चुके हैं। जिसके बाद सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी की वारदातों में नाटकीय रूप से कमी आयी है। अधिकारी ने बताया कि 300 व्हाट्सएप्प ग्रुप में से प्रत्येक में करीब 250 सदस्य होते थे। इन व्हाट्एप्प ग्रुप के जरिये मुठभेड़ की जगह पर पत्थरबाजों की भीड़ जुटायी जाती थी, जो सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में बाधा पहुंचाने की कोशिश करती थी।
खबरों के मुताबिक इंटरनेट सेवा न होने से भीड़ को इकट्ठा करना तकरीबन नामुमकिन हो चुका है। अधिकारी ने यह भी बताया कि कुछ युवक निजी वजहों जैसे सुरक्षाबलों द्वारा कथित उत्पीड़न के कारण पत्थरबाजी करते हैं। अधिकारी भी सुरक्षाबलों द्वारा युवाओं के मामले में मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पर जोर दे रहे हैं।
साथ ही इंटरनेट नहीं होने की वजह से लोगों को दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है। क्योंकि अधिकतर कारोबार इंटरनेट पर निर्भर हो चुका है।