मोरबी हादसा: गुजरात पुलिस ने 'गैर इरादतन हत्या' के लिए पुल की देख-रेख कर रही एजेंसी पर दर्ज की प्राथमिकी
गुजरात के मोरबी जिले में रविवार को पुल ढहने की घटना के मामले में पुल की देख–रेख कर रही निजी एजेंसियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और गैर इरादतन हत्या करने के प्रयास में गुजरात पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गई है।
मोरबी बी डिवीजन के पुलिस निरीक्षक प्रकाशभाई देकावड़िया ने बताया, "पुल के रखरखाव और प्रबंधन एजेंसियों के खिलाफ भारत की दंड संहिता की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास) और 114 (अपराध होने पर उपस्थित होने वाले) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पुलिस ने यह भी बताया कि प्रबंधन एजेंसी ने पुल की उचित देखभाल और गुणवत्ता की जांच नहीं की और गंभीर लापरवाही प्रदर्शित करते हुए 26 अक्टूबर को इसे लोगों के लिए खोल दिया। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुल को रखरखाव के लिए करीब 8 महीने से बंद कर दिया गया था और मरम्मत का काम एक निजी एजेंसी द्वारा पूरा किया जा रहा था।
पुलिस निरीक्षक देकावडिया ने कहा, “नदी पर केबल पुल को उचित मरम्मत और रखरखाव और प्रबंधन की लापरवाही के बिना खोल दिया रखा गया था। जिसके कारण पुल लगभग 6:30 बजे पूरा पुल गिर गया।”
अभी तक मिली जानकारी के अनुसार हादसे में कम से कम 132 लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी कई लोग लापता है। एनडीआरएफ और सेना की टीमें बचाव कार्य में अब भी लगी हैं।
अधिकारियों के अनुसार, पुल गिरने के बाद माचू नदी में गिरे लोगों को बचाने के लिए सेना, नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ और फायर ब्रिगेड सहित टीमों ने रात भर तलाशी अभियान चलाया।
घटना के बाद मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, गृह राज्य मंत्री हर्षभाई सांघवी, मंत्री बृजेशभाई मेराजा और राज्य मंत्री श्री अरविंदभाई रैयानी आधी रात को घटनास्थल पर पहुंचे और व्यक्तिगत रूप से बचाव अभियान का जायजा लिया और निर्देश दिए।