लखनऊ के पुरातात्विक महत्व के भवनों के जीर्णोद्धार और संरक्षण के लिए एमओयू
शहरी आवासन एवं नगरीय कार्य मंत्रालय भारत सरकार के स्मार्ट सिटी मिशन के तहत लखनऊ स्मार्ट सिटी के प्रस्तावों के तहत राजधानी की हेरीटेज बिल्डिंग को संरक्षित करने के लिए इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट ऐंड कल्चरल हेरिटेज के साथ प्रदेश के नगर विकास एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना की मौजूदगी में एमओयू किया गया। साथ ही नगर विकास मंत्री ने लखनऊ शहर की ब्रांडिंग के लिए विभिन्न सुविधाओं और सेवाओं की मैपिंग आधारित लखनऊ स्मार्ट मोबाइल ऐप सूट साफ्ट साल्यूशन का शुभारंभ भी किया।
विधान भवन स्थित कार्यालय कक्ष में हुए कार्यक्रम के बाद संसदीय कार्य एवं नगर विकास मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के लिए नागरिकों का अधिकार एवं हित सर्वोपरि है। प्रत्येक शहरी महसूस करें कि उसे किसी भी स्तर पर असुविधा का सामना नहीं करना पड़ रहा है। स्मार्ट सिटी के तहत नागरिकों को आम जरूरतों के समाधान की सुविधाएं मुहैय्या कराना केंद्र और राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में है। हेरिटेज भवनों के कंजरवेशन के बारे में उन्होंने कहा कि आज हुए समझौते के तहत कैसरबाग स्थित दर्शन बिलास कोठी, रोशन उद्दोल्लाह कोठी, कोठी गुलिस्तान ए ऐरम, रफे आम क्लब, बेगम हजरत महल पार्क एवं छत्तर मंजिल के रेस्टोरेशन एवं कंजरवेशन का कार्य किया जाएगा। इसके लिए सर्वेक्षण डिजाइनिंग और लागत विवरण तैयार करते हुए समस्त पुरातात्विक महत्व के भवनों का जीर्णोद्धार एवं संरक्षण का कार्य कराया जाएगा। इसकी प्रस्तावित लागत 62.2 करोड़ रुपये आएगी, जिसे लखनऊ स्मार्ट सिटी द्वारा वहन किया जाएगा।
लखनऊ स्मार्ट सिटी लिमिटेड मोबाइल ऐप सूट के तहत चयनित एजेंसी के माध्यम से मोबाइल ऐप सूट विकसित किया गया है। इसके माध्यम से लखनऊवासियों को समस्त नागरिक उपयोगी सुविधाएं ऐप में ही उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें प्रापर्टी टैक्स, विद्युत बिल इत्यादि का भुगतान, जन्म एवं मृत्यु प्रमाण-पत्र, टैंकर बुकिंग, एनिमल केयर, नियर बाई प्लेसेस जैसे पब्लिक टॉयलेट, बारात घर, स्कूल, गार्डेन, एटीएम, होटल, हास्पिटल, पीजीआरएस, आईजीआरएस, व्यूव माई सिटी, टूरिस्ट प्लेसस, ई-व्हेकिल, ई-हास्पिटल, फेमस फूड ज्वाइंट एवं नगर निगम से सम्बन्धित अधिकारियों, पार्षदों से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
इस ऐप में नगर निगम के अधिकारियों से संबंधित कार्यों की मॉनिटरिंग के लिए आफिसर मॉड्यूल भी बनाया गया है जिससे नगर निगम संबंधित अधिकारियों की मॉनिटरिंग की जाएगी। इस ऐप का बीटावर्जन लांच किया गया है, जिसमें नागरिकों द्वारा इस ऐप को और प्रभावी और उपयोगी बनाने के लिए फीडबैक एवं सुझाव का भी प्रावधान किया गया है। इस ऐप को प्ले-स्टोर के माध्यम (लखनऊ-311) निःशुल्क डाउनलोड किया जा सकता है। इस ऐप सूट को बनाने की लागत 14 लाख रुपये आई है।
इस दौरान महापौर लखनऊ संयुक्ता भाटिया, नगर आयुक्त लखनऊ इंद्रमणि त्रिपाठी, मुख्य अभियंता नगर निगम समेत स्मार्ट सिटी मिशन से जुडे अधिकारी मौजूद थे।