MP: इंदौर में मंदिर की बावड़ी ढहने से मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 11, अब तक 19 को बचाया गया; सीएम ने किया मुआवजे का एलान
मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में रामनवमी के अवसर पर गुरुवार को हवन के दौरान बावड़ी की छत गिरने से 11 लोगों की मौत हो गयी। इससे पहले इंदौर कलेक्टर इलैयाराजा टी ने मरने वालों की संख्या 12 बताई थी। सीएम शिवराज चौहान ने कहा कि उन्होंने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं। चौहान के अनुसार, 19 लोगों को बचाया गया और अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनमें से एक की मौत हो गई। मुख्यमंत्री ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 5-5 लाख रुपये और प्रत्येक घायल व्यक्ति को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की है।
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में संवाददाताओं से कहा हादसे में दस महिलाओं और एक पुरुष की मौत हो गई। मिश्रा ने कहा कि आशंका है कि कुछ बच्चे भी लापता हैं और बावड़ी का पानी निकालकर उनकी तलाश की जा रही है.
सीएम चौहान ने प्रदेश की राजधानी में संवाददाताओं को बताया कि इंदौर के पटेल नगर स्थित बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में बावड़ी ढहने की घटना में 11 लोगों की मौत हो गयी है।
दुर्घटना के तुरंत बाद पीड़ा व्यक्त करते हुए, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया था, “इंदौर में हुए हादसे से बेहद पीड़ा हुई। सीएम शिवराज चौहान जी से बात की और स्थिति की जानकारी ली। राज्य सरकार बचाव और राहत कार्य में तेजी से आगे बढ़ रही है। सभी प्रभावितों और उनके परिवारों के साथ मेरी प्रार्थना है।”
गृह मंत्री मिश्रा ने कहा कि ढंके हुए परिसर में बावड़ी के ऊपर पटिया बिछाकर मंदिर का निर्माण किया गया। मिश्रा ने कहा कि इस मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, खासकर यह पता लगाने के लिए कि बावड़ी पर मंदिर बनाने की अनुमति कैसे दी गई।
इंदौर के पुलिस आयुक्त मकरंद देवस्कर ने चश्मदीदों का हवाला देते हुए कहा कि मंदिर में दुर्घटना के बाद लगभग 30-35 श्रद्धालु कुएं में गिर गए। इससे पहले एक गवाह ने संख्या करीब 25 बताई थी। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि धार्मिक कार्यक्रम के दौरान मंदिर की बावड़ी की छत पर श्रद्धालुओं की काफी भीड़ थी. उन्होंने कहा कि चूंकि ढांचा इतने लोगों का भार सहन नहीं कर सका, इसलिए वह ढह गया। हादसे के बाद लोग हादसे के वक्त परिसर में मौजूद अपने परिजनों को तलाशते हुए मंदिर के पास जमा हो गए।
पटेल नगर रेजिडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष कांतिभाई पटेल ने कहा कि दुर्घटना के बारे में अधिकारियों को सूचित किए जाने के बाद भी एक घंटे तक कोई एम्बुलेंस मौके पर नहीं पहुंची। अधिकारियों ने मृतकों की पहचान लक्ष्मी पटेल (70), भारती कुकरेजा (58), जयवंती खोबचंदानी (84), दक्ष पटेल (60), मधु भम्मानी (48), मनीषा मोटवानी (40), गंगा पटेल (58), कनक पटेल (32), पुष्पा पटेल (49), भूमिका खानचंदानी (31) और इंद्र कुमार हरवानी (53) के रूप में की है।
एक अधिकारी ने कहा कि सीएम चौहान ने इंदौर कलेक्टर और पुलिस आयुक्त से भी फोन पर बात की और उन्हें बचाव अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए पूरी ताकत से प्रयास जारी हैं।