एमपी में चिटफंड कंपनी हुई गायब, मंत्री के बेटे के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट
कोर्ट ने यह आदेश 21 सितंबर को दिए थे लेकिन आर्डर की काॅपी सोमवार को मिलने के बाद ही यह मामला सामने आया। अभिषेक के अलावा हरियाणा के हिसार निवासी पंकज कुमार और दीपक गावा को भी गिरफ्तार किया जाना है। श्रद्धा सबूरी कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा लोगों को अधिक ब्याज का लालच देकर उनसे पैसों को निवेश कराया जाता था। बाद में कंपनी निवेशकों का करोड़ों रुपए लेकर गायब हो गई।
अच्छा ब्याज मिलने के लालच में लोग बड़ी राशि निवेश करते चले गए। बाद में उन्हें ब्याज मिलना बंद हो गया और रायसेन में रहने वाला बसंत उपाध्याय शहर छोड़कर भाग गया। कंपनी का आफिस बंद हो गया। इसको लेकर शहर के लोग हरकत में आए।
निजी स्कूल के शिक्षक और निवेशक दिलीप कोष्टा ने बसंत उपाध्याय, नितिन बलेचा और राजेश चौहान के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज करा दी। कोतवाली पुलिस ने 6 सितंबर को बसंत उपाध्याय को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने उसे जेल भेज दिया। दूसरे आरोपियों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर पाई।
कोर्ट में मामले की सुनवाई चलती रही। इसी बीच बसंत उपाध्याय के वकील विजय धाकड़ और अवधेश दीक्षित ने धारा 319 के तहत कंपनी के डायरेक्टर अभिषेक भार्गव, पंकज कुमार और दीपक गावा की जिम्मेदारी तय करने के लिए निवेदन किया तो कोर्ट ने मुखर्जीनगर निवासी बिंदेश्वरी नायक के बयान के आधार पर गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने के आदेश दे दिए। इस संबंध में गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक का कहना है कि वारंट की खबर मुझे मीडिया के जरिए ही मिली है। मेरा चिटफंट कंपनी से कोई लेना-देना नहीं। उन्होंने कहा कि जब वारंट आएगा तो उसकी समीक्षा करके ही कोई जवाब दे पाऊंगा।