मप्र: निवेशक सम्मेलन में चीन के नुमाइंदों को बुलाने पर शिवराज ने दी सफाई
मुख्यमंत्री चौहान ने दो दिवसीय वैश्विक निवेशक सम्मेलन के समापन समारोह के बाद कहा, इस सम्मेलन में चीन से फिलहाल कोई निवेश प्रस्ताव नहीं आया है। लेकिन आने वाले दिनों में कोई चीनी कंपनी प्रदेश में निवेश करती है, तो यह मेक इन इंडिया की मूल भावना के अनुरूप ही होगा। ऐसे वक्त जब चीनी उत्पादों के बहिष्कार के समर्थन में देश भर में जोरदार अभियान चलाया जा रहा है, क्या चीनी नुमाइंदों को निवेशक सम्मेलन में बुलाने का फैसला उचित था। इस प्रश्न पर मुख्यमंत्री ने जवाब दिया, यह अभियान चीन में बने सस्ते सामान को भारत में खपाये जाने के खिलाफ चल रहा है। हमने कभी किसी से नहीं कहा कि वह चीन में बने उत्पाद खरीदें। उन्होंने कहा, हम मेक इन इंडिया की बात कर रहे हैं यानी अगर चीनी कंपनियां मध्यप्रदेश में निवेश करती हैं, तो इससे हमारे प्रदेश के लोगों को रोजगार मिलेगा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुडे़ स्वदेशी जागरण मंच ने वैश्विक निवेशक सम्मेलन में चीनी नुमाइंदों को बुलाए जाने पर पिछले 15 दिन में अलग-अलग प्रदर्शन किया है। संगठन का आरोप है कि भारत विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए चीन लगातार पाकिस्तान की आर्थिक मदद कर रहा है। इसलिए चीनी कंपनियों को प्रदेश में पूंजी निवेश के लिये एक इंच भी जमीन नहीं दी जानी चाहिए। वैश्विक निवेशक सम्मेलन के समापन समारोह में शामिल हुए पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने चौहान से आज ही गुजारिश की कि वह उद्योग जगत की मंशा के मुताबिक पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी वसूली के दायरे में लाने के लिये प्रदेश सरकार की ओर से सहमति व्यक्त करें। प्रधान की इस पेशकश को लेकर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर मुख्यमंत्री ने फिलहाल पत्ते खोलने से बचते हुए कहा, हम इस सिलसिले में जीएसटी परिषद की बैठक में अपना पक्ष रखकर विस्तार से चर्चा करेंगे।