Advertisement
21 November 2017

मप्र के मुख्यमंत्री चौहान ने अहिल्याबाई से राजमाता की पदवी छीन कर पद्मावती को दी

तो क्या अब मध्यप्रदेश की राजमाता अहिल्या बाई होलकर के बजाय पद्मावती हैं। कल मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बात से तो ऐसा ही लग रहा है।

पद्मावती विवाद में मध्यप्रदेश भी कूद गया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी कह दिया कि प्रदेश में फिल्म का प्रदर्शन नहीं होगा। लेकिन वह इससे ज्यादा कह गए। उन्होंने कहा कि राजमाता पद्मावती का अपमान सहन नहीं किया जाएगा। जब वह पद्मावती को राजमाता कह रहे थे तब शायद उनके दिमाग में राजमाता अहिल्याबाई होलकर यकीनन नहीं आई होंगी।

अहिल्याबाई होलकर प्रदेश की साहसी और नैतिक मूल्यों को बरकरार रखने वाली शासक के रूप में जानी जाती हैं। शिव भक्त अहिल्या बाई सूबेदार मल्हारराव होलकर के बेटे खांडेराव होलकर की पत्नी थीं। 29 साल की उम्र में खांडेराव के निधन के बाद उन्होंने होलकरों की सत्ता संभाली थी। उनके बारे में एक कथा प्रसिद्ध है कि उन्होंने अपने एक बेटे को लड़की छेड़ने के आरोप में हाथी के पैरों तले कुचलवा दिया था।

Advertisement

भारत भर में उन्होंने शिव मंदिर बनवाए, शिव मंदिरों का पुनरोद्धार कराया और गई जगह घाट बनवाए। मध्यप्रदेश में उन्हें ही राजमाता का दर्जा दिया जाता है। लेकिन शिवराज चौहन ने खुद ही यह पदवी छीन कर पद्मावती को दे दी। किसी फिल्म के पक्ष या विपक्ष में होना अच्छा हो सकता है लेकिन प्रदेश का गौरव और मर्यादा का खयाल जरूर रखा जाना चाहिए। फिल्म में यदि पद्मावती के इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई है तो उस पर बिलकुल बहस की जानी चाहिए। विचारों का आदान-प्रदान, पक्ष-विपक्ष होना चाहिए लेकिन अति उत्साह में ऐसे बयान न दिए जाएं जो नए विवाद को जन्म दे दें।  

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: shivraj singh chauhan, padmavati, rajmata, ahilya bai holkar, शिवराज सिंह चौहान, पद्मावती, राजमाता, अहिल्या बाई होलकर
OUTLOOK 21 November, 2017
Advertisement