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11 October 2023

उत्तराखंड में समय पर संभव नहीं निकाय चुनाव, लालफीताशाही में फंसी आरक्षण की पत्रावली आरक्षण के बाद आयोग तैयार करेगा मतदाता सूची

प्रतिकात्मक तस्वीर

उत्तराखंड में निकायों का कार्यकाल पांच दिसंबर को पूरा हो रहा है। हालात इशारा कर रहे हैं कि निकाय चुनाव समय पर संभव नहीं हैं। ऐसे में पांच दिसंबर के बाद निकायों की बागडोर सरकारी अफसरों के हाथों में आ जाएगी।

निकाय चुनाव के लिए सरकारी मशीनरी की तैयारियां न के बराबर हैं। जबकि कार्यकाल खत्म होने में दो महीने से कम का ही वक्त बचा है। बताया जा रहा है कि इसमें देरी की वजह लालफीताशाही है। राज्य निर्वाचन आयोग ने निकायों में आऱक्षण की सूची तैयार करके शासन को भेज दी है। लेकिन लालफीताशाही इस पर कुंडली मारकर बैठ गया है।

राज्य निर्वाचन अधिकारी चंद्रशेखर भट्ट ने बताया कि आयोग आऱक्षण की पत्रावली शासन को भेज चुका है। लेकिन वहां से अभी तक कोई जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा कि एक बार आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो जाए तो आयोग मतदाता सूची बनाने का काम शुरू करेगा। भट्ट ने इस बात कोई जवाब नहीं दिया कि क्या निकाय आगे बढ़ेगे।

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इधर, सूत्रों का कहना है कि सरकार की मंशा निकाय चुनावों को टालने की है। सरकार का पहला फोकस लोकसभा चुनाव का है। लोकसभा चुनाव संभवतयः अप्रैल में होगे और नतीजे मई माह में आएगें। ऐसे में उत्तराखंड में निकाय चुनाव अब मई-2024 के बाद ही संभव है। निकायों का कार्यकाल खत्म होते वहां अफसरों की तैनाती बतौर प्रशासक कर दी दी जाएगी।

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TAGS: Municipal elections, Uttarakhand, reservation files, stuck in red tape, commission, reservation
OUTLOOK 11 October, 2023
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