हिजाब विवाद में आज कर्नाटक बंद: मुस्लिम संगठन जता रहे हाईकोर्ट के फैसले पर नाराजगी
कर्नाटक हाई कोर्ट के हिजाब को लेकर सुनाए गए फैसले से नाराज मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने आज 'कर्नाटक बंद' बुलाया है। मुस्लिम नेताओं ने स्वैच्छिक बंद का ऐलान किया है। अमीर-ए-शरीयत कर्नाटक के मौलाना सगीर अहमद खान रश्दी ने कोर्ट के फैसले पर दुख जताया और इसके विरोध में तमाम मुस्लिम संगठनों से कर्नाटक बंद के लिए अपील की।
बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि छात्राओं को स्कूल-कॉलेजों में हिजाब पहनना इस्लाम के हिसाब से जरूरी नहीं है। सगीर ने कर्नाटक बंद का ऐलान ऐसे समय में किया है, जब हिजाब विवाद के चलते पूरे राज्य में 21 मार्च तक धारा 144 लागू है।
अदालत ने मंगलवार को मुस्लिम छात्राओं की ओर से दायर उन सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिनमें शक्षिण अवधि के दौरान शक्षिण संस्थानों में हिजाब पहनने की अनुमति देने की मांग की गई थी। न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए कहा कि मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिजाब पहनना इस्लाम के तहत आवश्यक धार्मिक प्रथा का हस्सिा नहीं है और विद्यालय के यूनिफॉर्म का निर्धारण केवल एक उचित प्रतिबंध है, जिस पर छात्र-छात्राएं आपत्ति नहीं कर सकते। न्यायालय की पीठ ने यह भी कहा कि राज्य सरकार के पास इस संबंध में आदेश जारी करने का अधिकार है।
अल्पसंख्यक समुदाय के राजनीतिक नेता मंगलवार को हिजाब पर चर्चा करने के लिए एकत्र हुए थे। बैठक अमीर ए शरीयत के आवास पर हुई। बैठक में सलीम अहमद, जमीर अहमद खान, यूटी खादर, एनए हैरिस, नजीर अहमद, रहमान खान, खानिज फातिमा और अन्य ने भाग लिया था। अदालत के फैसले के बाद छात्रों की ओर से दिए गए बयान पर मौलवियों ने आपत्ति जताई है। उनका रवैया ठीक नहीं है, उन्हें मार्गदर्शन की जरूरत है।
मौलवियों ने कहा कि न्यायालय के फैसले से घबराने की जरूरत नहीं है। यूनिफॉर्म के आदेश का पालन करने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि हमें भी सुप्रीम कोर्ट में जाने की इजाजत है। कांग्रेस नेता और सीनियर वकील कपिल सब्बिल से बात हो चुकी है। आमिर ए शरीयत ने सभी नेताओं को सलाह दी कि वे समाज में अनावश्यक भ्रम पैदा न करें।