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24 June 2019

इंसेफेलाइटिस से जुड़े मामले में बढ़ी हर्षवर्धन-मंगल पांडे की मुश्किलें, CJM ने दिए जांच के आदेश

File Photo

इंसेफेलाइटिस से जुड़े मामले में बढ़ी हर्षवर्धन-मंगल पांडे की मुश्किलें, CJM ने दिए जांच के आदेश

बिहार में चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से लगातार हो रही मौत के मामले में केंद्र और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री की परेशानियां लगातार बढ़ती दिख रही हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्द्धन और मंगल पांडे पर परिवाद मामले में वहां की निचली अदालत ने संज्ञान लिया है। दोनों नेताओं के खिलाफ जांच के आदेश दिए गए हैं। इस केस की अगली सुनवाई 28 जून को होगी।

मुजफ्फरपुर में लगातार हो रही बच्चों की मौत के बीच सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने परिवाद दायर किया था। हाशमी ने बच्चों की मौत का जिम्मेदार दोनों मंत्रियों को बताते हुए सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था।

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स्वास्थ्य मंत्री ने गलत आंकड़े पेश किए हैं: तमन्ना हाशमी

 

सामाजिक कार्यकर्ता तमन्ना हाशमी ने हर्षवर्धन और मंगल पांडेय के खिलाफ मामला दर्ज करवाया है जिस पर 24 जून को सुनवाई होगी। तमन्ना हाशमी का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री ने गलत आंकड़े पेश किए हैं, अस्पताल में स्वास्थ्य व्यवस्था की हालत बेहद खराब है। इसी को आधार मानकर केस दर्ज कराया गया है।

सुप्रीम कोर्ट का भी कड़ा रूख

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी बिहार में हो रही बच्चों की मौत पर कड़ा रूख अख्तियार किया है। चमकी बुखार से हो रही मौतों के बीच कोर्ट ने बिहार सरकार से सात दिनों में जवाब मांगा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, बिहार सरकार और यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है। बिहार से जुड़े मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की है और तीन मुद्दों पर जवाब मांगा है।

अब तक 152 बच्चों की हो चुकी है मौत

चमकी बुखार से बिहार में अब तक 152 बच्चों की मौत हो चुकी है। इस पर कोर्ट गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, 'यह गंभीर चिंता का विषय है। ये ऐसे ही नहीं चल सकता। हमें जवाब चाहिए।' कोर्ट ने जिन तीन मुद्दों पर जवाब मांगा है उनमें स्वास्थ्य सेवाओं की पयार्प्तता, पोषण और साफ सफाई शामिल है।

राज्य के 20 जिलों तक पहुंचा चमकी बुखार

 

बिहार में बीते एक महीने से चमकी बुखार से हाहाकार मचा हुआ है। अब तक 20 जिलों में इसका असर देखने को मिला है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने यह जानकारी दी है। प्रदेश के मुजफ्फरपुर जिले में सबसे ज्यादा चमकी बुखार से मौते हुई हैं। अकेले मुजफ्फरपुर चमकी बुखार से अबतक 130 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं, पूरे बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम से मरने वाले बच्चों को आंकड़ा 152 से ज्यादा है। एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को दिमागी बुखार और चमकी बुखार के नाम से भी जाना जाता है।

 

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TAGS: Bihar, Muzaffarpur Chief Judicial Magistrate, Suryakant Tiwari, orders, investigation, Union Health Minister, Dr Harsh Vardhan, Bihar Health Minister, Mangal Pandey
OUTLOOK 24 June, 2019
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