शिशु तस्करी कांड में आया भाजपा सांसद का नाम
शिशु तस्करी मामले में मुख्य आरोपी चंदना चक्रवर्ती की गिरफ्तारी होने के बाद उसने सीआईडी के सामने कई राजफाश किए थे जिसमें होम को अनुदान दिलाने के लिए जूही के माध्यम से कई वरिष्ठ भाजपा नेताओं से मुलाकात किए जाना शामिल हैं। चंदना से पूछताछ में जलपाईगुड़ी की शिशु सुरक्षा अधिकारी सास्मिता घोष और दार्जिलिंग के शिशु सुरक्षा अधिकारी मृणाल घोष भी सीआईडी के रडार पर आ चुके थे। दंपति अधिकारियों को हिरासत में लेकर शुक्रवार को मैराथन पूछताछ की गई। रात में सीआइडी ने मृणाल घोष को गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में दार्जिलिंग के शिशु कल्याण कमेटी के सदस्य डा. देवाशीष चंद्र को भी गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों के अनुसार पूछताछ में सास्मिता घोष के खिलाफ भी पुख्ता सुबूत मिले हैं जिसके चलते उसकी भी शीघ्र गिरफ्तारी की जा सकती है।
सीआइडी सूत्रों के अनुसार दार्जिलिंग के शिशु सुरक्षा अधिकारी मृणाल घोष गरीब परिवारों को बरगला कर उनके शिशुओं को बेहतर परवरिश दिए जाने का प्रलोभन देता था। इसके बाद शिशु कल्याण कमेटी के सदस्य डा. देवाशीष के साथ मिलकर शिशुओं को चंदना के होम में भेज दिया जाता था, जहां से उनकी तस्करी कर दी जाती थी। यह गोरखधंधा कई वर्षों से चल रहा था। इसके एवज में चंदना से मोटी रकम वसूली जाती थी। अभी तक दोनों काफी संख्या में शिशुओं को बेच चुके हैं। सीआईडी सूत्रों के अनुसार कमेटी में होने के बावजूद डॉ. देवाशीष गैर कानूनी रूप से चंदना के होम में शिशुओं की जांच करने जाता था। होम के साथ उसका लंबे समय से जुड़ाव भी था। सीआइडी सूत्रों के अनुसार चंदना उत्तर बंगाल में चार नए आश्रय घरों को खोलना चाहती थी जिसमें मदद करने के लिए जनवरी के प्रथम सप्ताह में जूही ने चंदना की मुलाकात कोलकाता में एक भाजपा सांसद से करवाई थी। चंदना को नए आश्रय घर खुलवाने तथा अनुदान दिए जाने के लिए जूही के साथ उसके पिता रवींद्र नारायण चौधरी ने भी भाजपा सांसद के जरिए केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (सीएआरए) पर दबाव बनाने का प्रयास किया था। शिशु तस्करी कांड में भाजपा सांसद का नाम सामने आने के बाद सीआईडी अब उनसे पूछताछ के लिए शीघ्र नोटिस भेज सकती है।