आगरा में राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार विजेता नाजिया पर गुंडों का हमला
राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार से सम्मानित नाजिया खान आगरा में गुंडों के हमले में घायल हो गई हैं। नाजिया को पिछले महीने उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह ने विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) मनोनीत किया था।
नाजिया ने समाचार एजेंसी एएनआइ को बताया, ‘ मैंने शुक्रवार को ताजगंज इलाके में अपने परिवार की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत आगरा के एडिशनल जिला मजिस्ट्रेट (एडीएम) से की थी। मुलाकात के बाद एडीएम ने मुझे विवादास्पद जमीन पर जाने को कहा। जैसे ही मैं वहा पहुंची अचानक कुछ गुंडों ने मुझ पर और मेरे भाई पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया, जिसमें मैं घायल हो गई। इसके बाद वहां पहुंची पुलिस मुझे इलाज के लिए अस्पताल ले गई।’
एसपी (सिटी) कुंवर अनुपम सिंह ने बताया कि नाजिया की शिकायत पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। उऩ्होंने कहा कि यदि नाजिया पुलिस सुरक्षा चाहेंगी तो उन्हें यह उपलब्ध कराई जाएगी।
इस साल की शुरुआत में 18 साल की नाजिया को राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार से नवाजा गया था। नाजिया आगरा में चल रहे ड्रग्स और जुए के रैकेट को ध्वस्त करने के लिए सक्रिय थीं। उन्होंने पुलिस को इसके बारे में कई शिकायतें कीं पर वे अनसुनी कर दी गईं और उन्हें धमकियां मिलने लगीं। धमकियों से डरने की जगह नाजिया ने तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। इसके बाद पुलिस ने हस्तक्षेप करके ड्रग्स और जुए के रैकेट को बंद कराया।
नाजिया को छह साल की एक बच्ची के अपहरण के प्रयास को विफल करने के कारण राष्ट्रीय बहादुरी पुरस्कार के लिए चुना गया था। उन्हें यह सम्मान इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर दिया गया था।