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04 December 2018

बुलंदशहर हिंसा पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने यूपी सरकार को भेजा नोटिस

File Photo

चुनावी सीजन में प्रदेश की लचर कानून व्यवस्था पर यूपी सरकार जहां विपक्षियों के निशाने पर है, वहीं भाजपाई भी सरकार पर सवालिया निशान लगा रहे हैं। कोई सोशल मीडिया पर भावनाओं को व्यक्त कर रहा है तो कोई अनौपचारिक रूप से संगठन और सरकार पर भड़ास निकाल रहा है। चौतरफा हमलों से घिरे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकारी आवास पर रात में कानून व्यवस्था की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि समीक्षा बैठक के दौरान कानून व्यवस्था में असफल कई जिलों के कप्तानों पर गाज गिर सकती है।

वहीं, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने बुलंदशहर हिंसा और इंस्पेक्टर की हत्या को लेकर प्रदेश सरकार को नोटिस भेजा है। आयोग ने चार सप्ताह में मुख्य सचिव और डीजीपी से बुलंदशहर हिंसा पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने हिंसा फैलाने वालों पर क्या कार्रवाई हुई और पीड़ित परिवारों के लिए की गई मदद पर भी जवाब मांगा है। बुलंदशहर में गौरक्षा के नाम पर जिस प्रकार भीड़ ने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की हत्या की, उसे लेकर आईपीएस एसोसिएशन भी खफा है। एसोसिएशन ने ट्वीट कर हमले की निंदा की है। साथ ही आरोपियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

कानून व्यवस्था को लेकर प्रदेश सरकार और संगठन दोनों अपने ही नेताओं और पदाधिकारियों के निशाने पर हैं। भाजपा के मीडिया विंग के एक पदाधिकारी ने लिखा कि ‘कहा भी ना जाए, रहा भी ना जाए’। इसके अलावा लखनऊ में भाजपा नेता की हत्या में पुलिस की लापरवाही सामने आने पर पदाधिकारी और कार्यकर्ता दोनों अनौपचारिक रूप से कोस रहे हैं।

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विहिप ने मेरठ में प्रेस वार्ता में पूरी घटना के लिए पुलिस-प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है। विहिप के मेरठ प्रांत के विभाग मंत्री गोपाल शर्मा का कहना है कि मामले में संगठन के लोग मुकदमा कराकर लौट आए थे। घटना के दौरान संगठन का कोई पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद नहीं था। हालांकि बुलंदशहर मामले में डीएम बुलंदशहर अनुज कुमार झा का कहना है कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। घटना और बड़ी हो सकती थी, लेकिन पुलिस-प्रशासन ने सूझबूझ से काम लिया। फोटो और वीडियो में जो आरोपी दिखाई दे रहे हैं, उनकी पड़ताल कर कार्यवाही की जा रही है। फिलहाल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कुछ लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। मामले में निष्पक्ष कार्यवाही की जा रही है।

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TAGS: National human rights commission, bulandshahar violence, up government
OUTLOOK 04 December, 2018
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