Advertisement
07 April 2021

ये हैं नक्सलियों के अभेद्य किले, खदान और लैंडमाइन के जरिए कर रखा है कब्जा

file photo

विस्‍फोट और नक्‍सलियों का सीधा वास्‍ता है। आइईडी का इस्‍तेमाल हो या बारूदी सुरंग का विस्‍फोट पहली नजर में ध्‍यान नक्‍सलियों, आतंकियों की ओर जाता है। जंगल-पहाड़ और सुदूर ग्रामीण इलाकों में डेरा डाले, कैंप लगाने वाले नक्‍सली अमूमन लैंड माइन से घेराबंदी कर लेते हैं ताकि सुरक्षा बलों की पहुंच उनतक न हो। यही कारण है कि झारखण्‍ड का बूढ़ा पहाड़ हो या कुछ इसी तरह के दुरूह इलाके, उनके किले पर सुरक्षा बलों के जवान कब्‍जा नहीं कर सके। उन इलाकों में जाने से भी परहेज करते हैं।

बहरहाल विस्‍फोटकों और लेवी से लगाव ने झारखण्‍ड के खदानों से उनका सीधा वास्‍ता जोड़ दिया है। यहां जितनी जायज खदान हैं उससे कहीं ज्‍यादा नाजायज। अवैध खनन के मामले समय-समय पर सतह पर आते भी रहते हैं। इन खदानों में विस्‍फोटकों का धड़ल्‍ले से इस्‍तेमाल होता है। मुख्‍य तौर पर जिलेटिन का इस्‍तेमाल चट्टानों को तोड़ने के लिए होता है। विस्‍फोट कराने के लिए डेटोनेटर्स की आवश्‍यकता होती है। विस्‍फोटकों के लिए लाइसेंस चाहिए मगर नाजायज खदानों के लिए भी इंतजाम होता है। नक्‍सलियों को भी लैंड माइंस के लिए जिलेटिन, डेटोनेटर, कोडक्‍स वायर की जरूरत होती है। नक्‍सली दस्‍ते बारूदी सुरंग बिछाने में एक्‍सपर्ट होते हैं।

जानकार बताते हैं कि ये खदान विस्‍फोटकों की आपूर्ति का स्रोत बनते हैं। माइनिंग जायज हो या अवैध लेवी के लिए नक्‍सलियों का बड़ा केंद्र हैं। इसलिए नक्‍सलियों का खदानों से लगाव है। आये दिन नक्‍सलियों के पास से विस्‍फोटक बरामद भी होते रहते हैं मगर जिस संजीदगी से इसकी आपूर्ति के सू्त्र तलाशे जाने चाहिए लगता है वह होता नहीं है। पुलिस द्वारा तमाम कवायद के बावजूद विस्‍फोटकों ने नक्‍सलियों का रिश्‍ता कायम रहता है। बरामदगी ज्‍यादा हो सके इसके लिए सरेंडर पॉलिसि में भी प्रावधान किया गया है। सरेंडर करने के साथ आइईडी पर छह हजार और विस्‍फोटक पर प्रति किलो दो हजार रुपये की राशि देने का प्रावधान है। वर्ष 2020 की ही बात करें तो झारखण्‍ड की पुलिस ने नक्‍सलियों से 276 आइईडी बरामद किये 874 किलो विफस्‍फोटक / जिलेटिन और 3666 डेटोनेटर बरामद किये। ये आंकड़े चौकाने वाले हैं। बरामदगी तो छोटा सा नमूना होते हैं। पुलिस के दावों के बावजूद गतिविधियां मंद नहीं पड़तीं।

Advertisement

इसी माह गुमला पुसिस और सीआरपीएफ की संयुक्‍त कार्रवाई में सदर थाना के करौंदी से एक ट्रैक्‍टर पर लदा एक हजार किलो जिलेटिन व 34 डेटोनेटर जब्‍त किया गया। मार्च के ही मध्‍यम में कोडरमा के ढाब थाना में वाहन चेकिंग के दौरान एक हीरो होंडा बाइक से 400 पीस डेटोनेटर और 388 पीस आइडियल पावर विस्‍फोटक बरामद किया गया। मार्च में ही दुमका पुलिस ने मुफस्सिल थाना से 3900 पीस डेटोनेटर और 2800 पीस जिलेटिन बरामद किया था। फरवरी में ही गिरफ्तार नक्‍सली के खुलासे के बाद एनआइए (राष्‍ट्रीय जांच एजेंसी ) ने खूंटी के कोरंगबुरू पहाड़ी ने एक सौ मीटर कोडेक्‍स वायर और 126 पीस जिलेटिन का छड़ बरामद किया था। ये बरामद विस्‍फोटक इस्‍तेमाल में आने पर बड़े इलाके में तबाही मचा सकते हैं। बहरहाल यह सिलसिला नया नहीं है 2018 में ही बोकारो में पुलिस और एनआइए की संयुक्‍त कार्रवाई में 350 किलो जिलेटिन की छड़ें बरामद की गई थीं। 2016 में पाकुड़ जिले में ट्रक पर लदे 1800 डेटोनेअर और 10 हजार जिलेटिन छड़ें पकड़ी गई थीं। जितने के कागजात थे उससे कहीं ज्‍यादा विस्‍फोटक थे। यही अतिरिक्‍त विस्‍फोटक अवैधन खनन और नक्‍सलियों तक पहुंचते हैं।

जब विस्‍फोटकों का रंग दिखता है तो पुलिस के कान खड़े होते हैं। इसी साल मार्च में चाईबासा के टोकलो थाना के लांजी जंगल में नक्‍सलियों के विरुद्ध सर्च अभियान में आइईडी ब्‍लास्‍ट में झारखण्‍ड जगुआर के तीन जवान शहीद हो गये। इसी साल तीन ग्रामीण भी बारूदी सुरंग विस्‍फोट में जान गंवा चुके हैं । जाहिर है विस्‍फोटकों को लेकर नक्‍सलियों और खदानों के नेक्‍सस पर झारखण्‍ड पुलिस को संजीदगी से काम करने की जरूरत है।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: झारखंड में नक्सल, IED, explosive naxalite, naxalite in mines, Naxalites in mines in Jharkhand, नक्‍सलियों की खदानों से मुहब्‍बत, आइईडी, खदानों में नक्सली, विस्फोटक नक्सल
OUTLOOK 07 April, 2021
Advertisement