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10 November 2016

वायु प्रदूषण पर एनजीटी सख्त, दिया निगरानी समिति बनाने का निर्देश

गूगल

एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर को 431 और 251 से ऊपर पाते हुए इसे प्रदूषण का खतरनाक स्तर करार दिया और उत्तरप्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से कहा कि सड़कों पर दस वर्ष से ज्यादा पुराने वाहनों को प्रतिबंधित करने पर विचार करें। एनजीटी ने निर्देश दिया कि हर राज्य समिति को पहली बैठक में एक जिला को अधिसूचित करना चाहिए जहां कृषि के लिए भूमि उपयोग ज्यादा है और इसे पराली जलाने से रोकने के आदेश लागू करने के लिए मॉडल जिला बनाया जाए।

पीठ ने कहा, जब वायु प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो जाता है तो पर्यावरणीय आपातकाल के लिए त्वरित कदम उठाने की जरूरत है। विशेषज्ञों के मुताबिक जब पीएम 10 और पीएम 2 . 5 क्रमश: 431 और 251 प्रति माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर से ज्यादा हो जाते हैं तो यह हवा में खतरनाक आपातकालीन स्थिति होती है। पीठ ने कहा कि ऐसी स्थिति में दिल्ली एनसीआर में पानी के छिड़काव के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जाना चाहिए खासकर उन इलाकों में जहां प्रदूषण का स्तर तय मानक से ज्यादा है।

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TAGS: राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, वायु प्रदूषण, निर्देश, निगरानी समिति, उत्तर भारत, डीजल वाहन, प्रतिबंधित, पर्यावरणीय आपातकाल, न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार, National Green Tribunal, Air Pollution, Direction, Vigilance committee, North India, Diesel Vehicle, Ban, Environment
OUTLOOK 10 November, 2016
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