टेरर फंडिंग के मामले में बारामुला में 4 ठिकानों पर एनआईए की छापेमारी
टेरर फंडिंग के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार सुबह उत्तर कश्मीर के बारामुला में ताबतोड़ छापेमारी की। एनआईए ने यहां 4 स्थानों पर छापा मारा। सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस के साथ एनआईए ने यह छापेमारी की।
एनआईए पिछले कुछ दिनों से हवाला नेटवर्क और पाकिस्तान से टेरर फंडिंग की साजिश में संलिप्त होने का शक में लगातार जम्मू-कश्मीर में अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।
पुलिस सूत्रों ने कहा कि एनआईए ने राज्य पुलिस की सहायता की और सीआरपीएफ ने एलओसी पार व्यापार में लगे चार व्यापारियों के ठिकानों पर छापे मारे। सूत्रों ने कहा, "पिछले हफ्ते, एनआईए ने श्रीनगर, पुलवामा और सोपोर शहर में छापे मारे थे। ये छापे एनआईए द्वारा की जा रही आतंकी फंडिंग जांच का हिस्सा हैं।"
एनआईए ने इससे पहले 23 जुलाई को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में स्थित केलर इलाके में बिजनसमैन गुलाम अहमद वानी के घर पर छापेमारी की थी। भारत-पाक के बीच क्रॉस एलओसी ट्रेड का काम करने वाले वानी पर हवाला नेटवर्क और पाकिस्तान से टेरर फंडिंग की साजिश में संलिप्त होने के शक के आधार पर यह छापेमारी की गई थी।
एक प्रमुख स्थानीय व्यापारी, जहूर वटाली और कई अलगाववादी नेताओं को एनआईए ने अब तक की आतंकी फंडिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया है।
गौरतलब है कि कि एनआईए ने जमात-उद-दावा, दुखतारन-ए-मिल्लत, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और जम्मू-कश्मीर के दूसरे अलगाववादी समूहों के खिलाफ फंड जुटाने को लेकर 20 मई 2017 को एक मामला दर्ज किया था। एनआईए ने 13 आरोपियों पर इस संदर्भ में आरोप-पत्र दाखिल किया है। इसमें अलगाववादी नेता, हवाला कारोबारी और पत्थरबाज शामिल हैं।
एनआईए का दावा- पाक से होती रही है टेरर फंडिंग
पिछले महीने ही एनआईए ने दावा किया था कि कश्मीर घाटी में अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ाने के लिए पाकिस्तान से टेरर फंडिंग होती रही है। हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और कई अन्य अलगाववादी नेताओं से पूछताछ के बाद एनआई ने यह दावा किया था। एनआईए के अनुसार, मुस्लिम लीग नेता मसर्रत आलम ने अधिकारियों से बताया कि पाकिस्तान समर्थित एजेंट ने विदेश से पैसे जुटाए और हवाला ऑपरेटर्स के जरिए उसे जम्मू-कश्मीर भेजा।