तमिलनाडु में बाढ़ भी नहीं रोक सकी दुल्हन को, उफनती नदी पार कर पहुंची विवाह स्थल
तमिनलाडु के नीलगिरि जिले के थेनगुमारहदा गांव में रहने वाली युवती रसाथी की शादी 20 अगस्त को होने वाली है। मगर जहां उसकी शादी होनी है वहां मोयार नदी में आई बाढ़ की वजह से पहुंचना मुश्किल भरा काम था। इस मुश्किल में भी न तो उसने हिम्मत हारी और न ही उसके परिवार ने।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार, सभी लोगों ने हरिगोल (बांस और ईख से बनी गोलाकार नाव) का सहारा लिया और बाढ़ से उफनती नदी किया। इसके बाद सभी विवाह स्थल पर पहुंचे। थेनगुमारहदा गांव सैथीमंगलम टाइगर रिजर्व के पास बसा हुआ पर्वतीय गांव है। यहां मोयार नदी बहती है जिस पर पुल नहीं बना है। जिसकी वजह से बारिश के दिनों में यहां पहुंचना या यहां से कहीं जाना बहुत मुश्किल भरा काम होता है।
हालांकि बाढ़ के दौरान हरिगोल का इस्तेमाल करना प्रतिबंधित है पर आपात स्थिति में वन अधिकारियों से इसके लिए विशेष अनुमति ली गई थी। रसाथी की शादी 20 अगस्त को होने वाली है इसमें शामिल होने के लिए उसके परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को दो हरिगोल पर सवार होकर नदी पार किया। नदी पार करने के वाद वे विवाह स्थल पर पहुंचे। विवाह में शामिल होने आए परिजनों ने सरकार से मांग की कि इस नदी पर पुल बनाया जाए।
रसाथी और उसके परिवार द्वारा उठाए जोखिम पर टिप्पणी करते हुए राज्य के राजस्व मंत्री आरबी उदय कुमार ने चेन्नई में कहा कि यह जोखिम भरा है और लोगों को ऐसा करने से बचना चाहिए। उन्होंने अन्य लोगों से भी उफनती नदियों के किनारे नहीं जाने की अपील की। उदय कुमार ने कहा कि लोगों को लाउडस्पीकर और अन्य प्रचार के माध्यमों से बाढ़ से बचने को कहा जा रहा है।