बिहार में बाढ़ के हालात को लेकर नीतीश ने मोदी से मुलाकात की
नीतीश कुमार ने बैठक के बाद कहा कि केंद्र के सामने हमने अपनी बात रखी है। पहले भी हम अपनी बात रखते रहे हैं। गंगा बेसिन पर अपनी चिंताओं से केंद्र को अवगत कराया है। बिहार में बारिश 14 फीसद कम हुई है। उन्होंने कहा कि बिना ज्यादा बारिश के हालात खराब हैं। गंगा के सिल्ट मैनेजमेंट को लेकर भी हमने केंद्र से बात की है।
गंगा के बढ़े हुए जलस्तर और तेज जल प्रवाह के कारण नदी के किनारे बसे बक्सर, भोजपुर, पटना, वैशाली, सारण, बेगूसराय, समस्तीपुर, लखीसराय, खगड़िया, मुंगेर, भागलपुर और कटिहार जिलों में बाढ़ के हालात हैं। पटना, वैशाली, भोजपुर और सारण जिला के दियारा क्षेत्र (नदी किनारे वाले इलाके) बाढ़ से अधिक प्रभावित हैं।
आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि बाढ़ से प्रभावित सभी जिलों में राहत और बचाव कार्य जारी है। पटना स्थित बाढ़ नियंत्रण कक्ष के मुताबिक, राज्य में गंगा, पुनपुन, गंडक और सोन नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। नियंत्रण कक्ष में प्रतिनियुक्त सहायक अभियंता विजय कुमार मंडल ने मंगलवार को बताया कि इंद्रपुरी बैराज में सोन नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। सुबह आठ बजे इंद्रपुरी बैराज के पास सोन नदी का जलस्तर 4,35,402 क्यूसेक था। वहीं सुबह नौ बजे यहां का जलस्तर बढ़कर 4,40,441 क्यूसेक दर्ज किया गया।
नीतीश कुमार के अनुसार, गंगा नदी बक्सर, दीघा, गांधीघाट, हाथीदह, भागलपुर और कहलगांव में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। बूढ़ी गंडक नदी, खगड़िया व घाघरा गंगपुर सिसवन (सीवान) में खतरे के निशान को ऊपर बह रही है। आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित लोगों को दियारा क्षेत्र से सुरक्षित निकालकर राहत शिविरों में लाया जा रहा है, जहां उनके लिए पका हुआ भोजन, पीने का पानी, महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग शौचालय, स्वास्थ्य जांच, जरूरी दवाएं, साफ-सफाई और प्रकाश की पर्याप्त व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि अब तक करीब 1,39,330 लोगों को बाढ़ग्रस्त स्थान से बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर लाया गया है, जिनमें से 1,05,000 लोगों को 162 राहत शिविरों में रखा गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में 1,537 नावों का परिचालन किया जा रहा है और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं।