नीतीश के हाथ फिर बिहार
नीतीश कुमार 22 फरवरी को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। नीतीश कुमार को विश्वासमत हासिल करने के लिए राज्यपाल ने तीन हफ्ते का समय दिया है।
२० फरवरी को जीतनराम मांझी को बहुमत साबित करना था। लेकिन बड़े ही नाटकीय घटनाक्रम में मांझी ने इस्तीफा दे दिया। उसके बाद ही तस्वीर साफ हो गई कि जनता दल यूनाइटेड सरकार बनाएगी। क्योंकि जद यू ने १३० विधायकों की सूची राज्यपाल को सौंपी थी लेकिन राज्यपाल ने मांझी को बहुमत साबित करने के लिए कहा था। उससे पहले ही मांझी ने इस्तीफा दे दिया।
नीतीश कुमार ने मीडिया को बताया कि महामहिम राज्यपाल ने हमारे दावे को स्वीकार करते हुए सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है। उन्होंने बताया कि वह रविवार की शाम 5 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। कुमार ने बताया कि उन्हें विश्वासमत हासिल करने के लिए तीन सप्ताह का समय दिया है।
इससे पहले नीतीश ने बिहार की जनता से मॉफी मांगते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का पद छोड़ने के लिए मॉफी मांगता हूं। नीतीश ने कहा कि आठ फरवरी को ही वह सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैं। लेकिन राज्यपाल ने उस समय नहीं बुलाया।
इसके साथ ही बिहार में नीतीश कुमार की दूसरी पारी की शुरूआत होने जा रही है। इससे पहले लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद नीतीश ने इस्तीफा देकर जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री बनाया था। कभी नीतीश के विश्वस्त रहे मांझी के सुर मुख्यमंत्री बनते ही बदल गए। जिससे जद यू नेताओं की किरकिरी होने लगी। उसके बाद जद यू ने मांझी को पार्टी से निकाल दिया। मांझी सरकार में बने रहने के लिए जरूरी विधायक जुटाने में सफल नहीं हो सके।
अब नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल के बारे में कयासबाजी शुरू हो गई है और अभी यह तय नहीं पाया है कि मंत्रिमंडल में सिर्फ जदयू के विधायक होंगे,या फिर राजद और कांग्रेस के विधायक भी होंगे।