नीतीश का विश्वास मत हासिल करना मात्र औपचारिकता
गत 22 फरवरी को बिहार के मुख्यमंत्री पद पर चौथी बार आसीन हुए नीतीश को राज्यपाल केशरीनाथ त्रिापाठी ने 11 मार्च को विश्वास मत हासिल करने का निर्देश दिया था। संसदीय कार्य मंत्री और बिहार विधानसभा में प्रदेश में सत्ताधारी पार्टी जदयू के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार ने बताया कि विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी को छोड़कर जदयू के सभी 110 विधायकों को नीतीश सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए व्हिप जारी किया गया है।
उन्होंने कहा कि संविधान की दसवीं अनुसूची के दल-बदल कानून के प्रावधान के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी सहित अन्य बागी पार्टी विधायकों को भी व्हिप जारी किया गया है। नीतीश के विश्वस्त माने जाने वाले श्रवण ने कहा कि मांझी को असंबद्ध सदस्य घोषित किया गया है उनकी पार्टी सदस्यता समाप्त नहीं की गयी है इसलिए दल-बदल कानून के प्रावधान के अनुसार वे या तो व्हिप का पालन करें और या फिर अयोग्य ठहराए जाने को न्यौता दें। यह पूछे जाने पर कि अगर मांझी और जदयू के अन्य बागी विधायक विश्वास मत के समय अनुपस्थित रहते हैं तो क्या होगा श्रवण ने कहा कि उसे भी व्हिप का उल्लंघन माना जाएगा और कार्रवाई होगी। मांझी के बागी हो जाने की अवधि के दौरान मची राजनीतिक उथल पुथल में राजद और कांग्रेस लगातार नीतीश के साथ खड़ी रही थीं और उन्हें कल इन दोनो का समर्थन मिलना तय लगता है। बिहार विधानसभा में राजद विधायक दल के मुख्य सचेतक भाई वीरेंद्र ने बताया कि विश्वास मत के दौरान हमने नीतीश कुमार के समर्थन का निर्णय लिया है। हमारे सभी 24 विधायक एकजुट हैं।