जयललिता को भारत रत्न देने की मांग करने वाली जनहित याचिका खारिज
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम सुंदर की पीठ ने तमिलनाडु सेंटर फाॅर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन के प्रबंध न्यासी के रमेश की ओर से दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया।
याचिकाकर्ता ने जयललित के जीवन का इतिहास बताते के बाद कहा कि उन्होंने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री के लिए तमिलनाडु राज्य फिल्म पुरस्कार पाने के अलावा कई पुरस्कार अपनी झोली में डाले हैं और वह पांच बार मुख्यमंत्री थी।
याची ने उनके द्वारा शुरू की गई कई कल्याण योजनाओं को बताया जिसमें अम्मा कैंटीन भी है जो न्यूनतम दर पर खाना उपलब्ध करती है और छात्रों को निशुल्क लेपटाॅप और साइकिल देना शामिल हैं।
रमेश ने कहा कि उन्हें यह याचिका दायर करने पर मजबूर होना पड़ा क्योंकि 15 दिसंबर 2016 को केंद्र सरकार को इसके लिए आवेदन किया था लेकिन प्रतिक्रिया नहीं मिली। लेकिन अदालत ने कहा कि वह एेसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम ने पिछले साल 19 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जयललिता को भारत रत्न देने की मांग की थी जिनका पांच दिसंबर को निधन हो गया था। भाषा एजेंसी