मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की 'राजस्थान गौरव यात्रा' के बाद नहीं होंगे कोई भी सरकारी कार्यक्रम
राजस्थान हाईकोर्ट ने आज एक फैसला सुनाते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की 'राजस्थान गौरव यात्रा' के बाद ऐसे कोई भी सरकारी कार्यक्रम नहीं होंगे, जो कि मतदाताओं को प्रभावित करते हों। एडवोकेट विभूति भूषण शर्मा की याचिका पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 'राजस्थान गौरव यात्रा' के बाद किसी भी तरह का लाभार्थी संवाद नहीं कर सकती हैं।
पिछले महीने राजस्थान गौरव यात्रा शुरू होने के बाद एडवोकेट विभूति भूषण शर्मा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए कोर्ट से दरख्वास्त की थी कि मुख्यमंत्री की राजनीति की यात्रा में सरकारी धन का दुरुपयोग हो रहा है। उस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार व भारतीय जनता पार्टी से मुख्यमंत्री की यात्रा के खर्चे का ब्यौरा मांगा था।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भारतीय जनता पार्टी ने शपथ पत्र पेश करते हुए कहा कि सरकार केवल मुख्यमंत्री के द्वारा शिलान्यास और उद्घाटन कार्य ही सरकारी तौर पर किए जा रहे कार्यक्रमों का ही खर्चा वहन कर रही है। इसके अलावा मुख्यमंत्री राजे की राजस्थान गौरव यात्रा का सारा खर्चा भाजपा खुद वहन कर रही है।
इस अर्जी पर सुनवाई करते हुए बुधवार को राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में अंतिम फैसला सुनाया। कोर्ट ने राजस्थान सरकार और भारतीय जनता पार्टी को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की राजस्थान गौरव यात्रा के बाद कोई भी सरकारी कार्यक्रम नहीं होंगे, केवल राजनीतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा सकते हैं।
दो दिन लगातार हुए दो बड़े कार्यक्रम
मंगलवार और बुधवार को लगातार दो दिन तक राजस्थान सरकार ने जयपुर में अमरूदों के बाग में दो बड़े कार्यक्रम किए हैं। जिसके तहत पहले दिन अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, सफाईकर्मी एवं दिव्यांगों के 114 करोड़ के ऋण माफी लाभार्थी कार्यक्रम किया गया है। इस मौके पर 35000 लोगों की एक आम सभा का आयोजन किया। इसके बाद बुधवार राज्य सरकार ने साल 2013 के बाद नियुक्त हुए करीब 50000 थर्ड ग्रेड शिक्षकों को अमरूदों के बाग में बुलाया। इस दौरान 33 जिलों के 33 शिक्षकों को 'श्रीगुरुजी' सम्मान से सम्मानित किया है। साथ ही 36 जनों को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान प्रदान किया है।
अमरूदों के बाग में नहीं हो सकेंगे कोई भी राजनीतिक कार्यक्रम
राजस्थान हाईकोर्ट की एक अन्य बैंच ने बार काउंसिल राजस्थान के अध्यक्ष की मौखिक अर्जी पर आदेश देते हुए कहा है कि विधानसभा के बाहर स्थित अमरूदों के बाग में कोई भी रैली, धरना, प्रदर्शन का आयोजन नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी, संगठन या सरकार अमरूदों के बाग में कोई आयोजन नहीं करेंगे। सरकार द्वारा इस तरह के आयोजन से बाहर किया जाए।