लोकसभा में बोले फारूक अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए बहाल किया जाए अनुच्छेद-370
नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने लोकसभा में जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की आवाज उठाई है। मंगलवार को उन्होंने कहा कि जम्मू-काश्मीर में शांति लाने के लिए राज्य का दर्जा बहाल किया जाए।
फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पिछले साल 5 अगस्त को उठाए गए कदमों के बारे में सोचने की जरूरत है। आज भी मध्य कश्मीर में एनकाउंटर चल रहा है। कोई शांति नहीं है। शांति तभी आएगी जब उन कदमों को वापस ले लिया जाएगा, इसके बिना कोई शांति नहीं हो सकती।
इससे एक दिन पहले नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेताओं ने संसद भवन में कुछ पीडीपी, डीएमके और अन्य विपक्षी पार्टी के सांसदों के साथ विरोध प्रदर्शन किया था।
फारूक अब्दुल्ला ने 1952 के दिल्ली समझौते, 1975 के समझौते के अनुसार जम्मू और कश्मीर की संवैधानिक स्थिति की बहाली, अनुच्छेद 370, 35-ए की बहाली की मांग की है, जो पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र द्वारा असंवैधानिक रूप से, अलोकतांत्रिक रूप से निरस्त कर दिए गए थे।
बता दें कि केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। इससे पहले भी फारूक अब्दुल्ला लोकसभा में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठा चुके हैं।
फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को केंद्रशासित प्रदेश की मौजूदा स्थिति का मुद्दा शनिवार को सदन में उठाते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर में प्रगति होनी चाहिए थी लेकिन वहां कोई प्रगति नहीं हुई है। आज हमारे बच्चों और दुकानदारों के पास 4जी इंटरनेट की सुविधा नहीं है, जबकि पूरे देश में है।