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20 January 2018

केंद्रीय मंत्री बोले, डार्विन गलत क्योंकि हमारे पूर्वजों ने बंदरों को इंसान बनते नहीं देखा

File Photo.

केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने दावा किया है कि चार्ल्स डार्विन का मानव विकास का सिद्धांत 'वैज्ञानिक' रूप से गलत था और इसे स्कूल, कॉलेज के पाठ्यक्रम में बदलना होगा।

पीटीआई के मुताबिक, मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने कहीं नहीं बताया है कि उन्होंने किसी बंदर को इंसान में बदलते हुए देखा।

शुक्रवार को महाराष्ट्र के औरंगाबाद में उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "डार्विन का सिद्धांत (इंसानों के विकास का) वैज्ञानिक रूप से गलत है। इसे स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में बदलने की जरूरत है। चूंकि मनुष्य पृथ्वी पर दिखता है, वह हमेशा से मनुष्य ही रहा है।''

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आईपीएस अधिकारी से राजनेता बने सिंह ऑल इंडिया वैदिक सम्मेलन में भाग लेने के लिए आए हुए थे। मंत्री ने कहा, "हमारे दादा-दादी ने हमें जो कहानियां सुनाई हैं, उनमें इस बात का कोई उल्लेख नहीं है।"

क्या है डार्विन का क्रमिक विकासवाद सिद्धांत

चार्ल्स डार्विन का मत था कि प्रकृति क्रमिक परिवर्तन द्वारा अपना विकास करती है। विकासवाद कहलाने वाला यही सिद्धांत आधुनिक जीव-विज्ञान की नींव बना। उनका मानना था कि परिस्थितियों के अनुरूप अपने आप को ढालने की विवशता प्रजाति-विविधता को जन्म देती है। 

जीवों की सभी प्रजातियां पैदा होती हैं और प्राकृतिक चयन के माध्यम से विकसित होती हैं, जो जीव की प्रतिस्पर्धा करने, बचने और प्रजनन करने की क्षमता में वृद्धि करती हैं। जो प्रतिस्पर्धा में सफल होता है, वह जीवित रहता है और विकसित होता जाता है। जो ऐसा नहीं कर पाता, वह धीरे-धीरे नष्ट हो जाता है। इसे 'सर्वाइवल ऑफ द फिटेस्ट' थ्योरी भी कहा जाता है।

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TAGS: Satyapal Singh, Charles Darwin, theory of evolution
OUTLOOK 20 January, 2018
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