अब ‘अन्य पिछड़ा वर्ग सामाजिक न्याय समिति’ जांचेगी यूपी में पिछड़ों की दशा
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जाट जाति सहित अन्य पिछड़े वर्ग में शामिल विभिन्न जातियों/वर्गों के पिछड़ेपन का पता लगाने के लिए गठित समिति का नाम ‘अन्य पिछड़ा वर्ग सामाजिक न्याय समिति’ रखा गया है। अब प्रदेश में ‘अन्य पिछड़ा वर्ग सामाजिक न्याय समिति’ पिछड़ों की दशा का पता लगाएगी और अपनी संस्तुतियां सरकार को सौंपेगी। जिसके आधार पर सरकार की ओर से पिछड़ों को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) राघवेंद्र कुमार की अध्यक्षता में पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए प्रदेश सरकार की समस्त योजनाओं, व्यवस्थाओं एवं सुविधाओं का विश्लेषण करने के लिए समिति गठित की गई है। निर्धारित विषय वस्तु के तहत समिति द्वारा पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की सभी योजनाओं, व्यवस्थाओं और सुविधाओं का विश्लेषण किया जाएगा। साथ ही वर्तमान परिस्थितियों में पिछड़े वर्ग के तहत विभिन्न वर्गों/जातियों की वर्तमान सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक स्थिति, उत्तर प्रदेश में निर्धारित आरक्षण व्यवस्था के अधीन शैक्षणिक क्षेत्र में पिछड़े वर्ग के विभिन्न वर्गों/जातियों की भागीदारी और उत्तर प्रदेश में निर्धारित आरक्षण व्यवस्था के तहत सरकारी सेवाओं में पिछड़े वर्ग के विभिन्न जातियों की भागीदारी का आंकलन किया जाएगा।
इसके अलावा समिति द्वारा पिछड़े वर्ग के तहत विभिन्न वर्गों/जातियों के संदर्भ में आरक्षण व्यवस्था को और प्रभावी बनाने के लिए अन्य राज्यों की व्यवस्था का अध्ययन किया जाएगा। इस बारे में विभिन्न उच्च न्यायालयों एवं उच्चतम न्यायालय द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत का उत्तर प्रदेश में सामाजिक न्याय का उद्देश्य प्राप्त करने के लिए सुझाव दिया जाएगा। पिछड़े वर्ग के कल्याण के लिए राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही सभी योजनाओं को सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से प्रभावी और उद्देश्यपरक बनाने के लिए संस्तुति की जाएगी। समिति द्वारा पिछड़े वर्ग के विभिन्न वर्गों/जातियों के लिए आरक्षण व्यवस्था को सामाजिक न्याय के दृष्टिकोण से और प्रभावी एवं उद्देश्यपरक बनाने के लिए संस्तुतियां उपलब्ध कराई जाएंगी।