ओडिशा: पुलिस ने भगवान जगन्नाथ के ‘सुना भेषा’ अनुष्ठान के लिए पुरी आने वाले श्रद्धालुओं को सतर्क किया
ओडिशा पुलिस ने रविवार को भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के ‘सुना भेषा’ (स्वर्ण पोशाक) के अवसर पर पुरी में भक्तों की भारी भीड़ को लेकर लोगों को सतर्क किया।
पुलिस ने भक्तों को भीड़ प्रबंधन व यातायात नियंत्रण उपायों के बारे में सूचित किया और उन्हें पुरी में अपनी यात्रा की योजना तदनुसार बनाने के लिए कहा।
पुलिस ने कहा कि भक्तों से अनुरोध है कि वे ‘‘इस जानकारी को ध्यान में रखें और इसके मुताबिक योजना बनाएं’’।
इस संबंध में एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शनिवार रात पुरी में भक्तों का आना-जाना लगा रहा क्योंकि भगवान रथों पर सवार थे और उनके दर्शन किए जा सकते थे।
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के एक अधिकारी ने कहा, “शनिवार रात देवों के लिए कोई ‘पहुड़ा’ (आराम का समय) नहीं था और भक्तों को उन्हें रथों पर देखने का अवसर मिला। इसलिए, वहां भारी भीड़ थी।”
सेवकों ने रविवार को सुबह की सभी रस्में निभाईं जबकि भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ अपने-अपने रथों पर बैठे रहे।
भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा के नौ दिवसीय वार्षिक प्रवास के पूरा होने के बाद तीनों रथ ‘तलध्वज’, ‘दर्पदलन’ और ‘नंदीघोष’ 12वीं सदी के मंदिर के ‘सिंह द्वार’ के सामने खड़े हैं।
मंदिर प्रबंधन के एक अधिकारी ने बताया कि चाक-चौबंद सुरक्षा और सेवकों के सक्रिय सहयोग के बीच शनिवार को ‘बहुड़ा’ यात्रा सुचारू रूप से संपन्न हुई और प्रशासन ‘सुना भेषा’ अनुष्ठानों के लिए भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
मंदिर प्रशासन के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढी ने सभी हितधारकों से भगवान जगन्नाथ के ‘सुना भेषा’ अनुष्ठानों के सुचारू संचालन के लिए सक्रिय रूप से सहयोग करने की अपील की है।
मंदिर प्रशासन के कार्यक्रम के अनुसार, भक्त रविवार को शाम 6.30 बजे से रात 11 बजे तक देवताओं के अनुष्ठान देख सकते हैं।