महात्मा गांधी के रास्ते पर चलूंगा, नहीं करूंगा एनआरसी रजिस्टर पर साइन- भूपेश बघेल
देशभर में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर विरोध प्रदेर्शन जारी है। हालांकि अभी एनआरसी अभी लागू नहीं हुआ है, इसे कैसे लागू किया आएगा और इसका स्वरूप कैसा होगा ये भी अभी साफ नहीं है। सरकार ने अभी एनआरसी पर कुछ कहा नहीं है लेकिन एनआरसी का विरोध जोरों पर है। एनआरसी को लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने विरोध जताते हुए कहा कि हम महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चलेंगे और मैं एनआरसी रजिस्टर हस्ताक्षर नहीं करूंगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने साफ कहा है कि वे इस कानून को छत्तीसगढ़ में लागू नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में करीब दो करोड़ लोग हैं और करीब आधे ऐसे हैं जिनके पास लैंड रिकॉर्ड नहीं हैं। ऐसे लोग अपनी नागरिकता साबित नहीं कर पाएंगे। अगर कोई अवैध नागरिक रह रहा है तो सरकारी एजेंसियों को उसे पकड़ना चाहिए।
महात्मा गांधी के रास्ते पर चलूंगा- बघेल
बघेल ने कहा कि जहां एक ओर हम गांधी की 150 जयंती मना रहे हैं, ऐसे में मैं उनके रास्ते पर चलूंगा और एनआरसी रजिस्टर पर साइन नहीं करूंगा। मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगा। मैं पहला व्यक्ति होऊंगा जो एनआरसी रजिस्टर से इंकार करूंगा। एनआरसी बिल पर विरोध जताते हुए सीएम ने कहा कि 1906 में महात्मा गांधी ने अंग्रेजों द्वारा लाए एशियन रजिस्ट्रेशन बिल पर विरोध जताया था और हस्ताक्षर नहीं किया था।
जानिए एनआरसीपर किस राज्य की क्या है प्रतिक्रिया
बता दें कि केरल, पंजाब, पश्चिम बंगाल ने खुले तौर पर कैब को लागू करने से इनकार कर दिया है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि ये विधेयक भारत के धर्मनिरपेक्ष चरित्र के खिलाफ है और इसी कारण उनकी सरकार इस बिल को पंजाब राज्य में लागू नहीं करेगी।
केरल के सीएम पिनरई विजयन ने भी इस पर अपना रुख साफ करते हुए ट्वीट किया कि उनका राज्य इसे नहीं अपनाएगा। उन्होंने कहा कि कैब भारत के सेकुलर और लोकतांत्रिक चरित्र पर हमला है। धर्म के आधार पर नागरिकता देना संविधान की अवमानना है. ये हमारे देश को पीछे धकेलेगा।
इनके अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी इस बिल के खिलाफ हैं और कह चुकी हैं कि कैब को वहां लागू नहीं किया जाएगा। महाराष्ट्र में मंत्री बाला साहेब थोराट और एमपी के सीएम कमलनाथ ने भी इशारों में कहा कि कैब को राज्य में लागू नहीं किया जाएगा। वहीं, राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार बिल का विरोध तो कर रही है लेकिन ये साफ नहीं किया है कि राजस्थान में बिल को लागू किया जाएगा या नहीं।