मोदी-नीतीश के बीच चली महीन राजनीति की छुरी
पटना। विभिन्न परियोजनाओं के उदघाटन के लिए बिहार आए पीएम मोदी और नीतीश कुमार ने भले ही मंच साझा किया हो, दोनों के बीच महीन राजनीति की छुरी चलती रही। एक तरफ जहां नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार की तारीफ और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर हमला करके, दोनों के बीच एक राजनीतिक फांक का संदेश देना चाहा, वहीं नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री से सात सवाल करके अपने मुख्य प्रतिद्वंदी भाजपा को बिहार की जनता के सामने कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की। प्रधानमंत्री ने एक और भी कूट राजनीतिक संकेत यह कहकर दिया कि वह बिहार को पचास हजार करोड़ रुपये का पैकेज देना तो चाहते हैं, हालांकि वह बहुत कम है, लेकिन इसके लिए सही समय का इंतजार कर रहे हैं। यानी मतलब साफ था: अगर भाजपा को वोट देकर बिहार की जनता जिताए तभी वह आर्थिक पैकेज की उम्मीद कर सकते हैं।
सही समय पर देंगे बड़ा पैकेज
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि एक संपन्न बिहार के सपने को पूरा करने के लिए वो 50,000 करोड़ रुपये का बड़ा पैकेज देंगे। लेकिन बिहार के विकास को लेकर जो उनकी सोच है, उसके लिए 50,000 करोड़ से बात नहीं बनेगी, उससे कहीं ज्यादा की जरूरत होगी। उसकी घोषणा मैं सही वक्त आने पर करूंगा। मैंने जो वादा किया है उसे जरूर निभाऊंगा।
नीतीश की तारीफ, लालू पर निशाना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने भाषण में केंद्र के प्रोजेक्ट्स में देरी की शिकायत की तो मोदी ने उनके सहयोगी और आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद पर निशाना साधा। मोदी ने कहा, ''अटलजी के वक्त जो काम 6 महीने में पूरा हो जाता, वह पूरा होते-होते 2015 आ गया। अटल सरकार के बाद दूसरी सरकार बनी तो ऐसे रेल मंत्री (लालू ) आए जिन्होंने हमारे काम को रोक दिया।''
पूरब की प्रगति से देश का विकास
पीएम ने बिहार के विकास से जुड़े कई प्रोजेक्ट्स गिनाए और कहा कि पूर्वी भारत का विकास सरकार का लक्ष्य है। जब तक पूरब की प्रगति नहीं होती है देश आगे नहीं बढ़ सकता है। रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 14वें वित्त आयोग से रभी राज्यों को लाभ हो रहा है।
बिहार को सौगात
ऊर्जा गंगा परियोजना का शुंभारंभ, पीएम ने कहा कि हमारे पास गंगा तो पहले से ही है अब ऊर्जा गंगा का विकास करेंगे।
पीएम मोदी ने गेल के एक प्रोजेक्ट जगदीशपुर-हल्दिया पाइपलाइन के पहले चरण का उद्घाटन किया।
मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए लॉन्च किया इनक्यूबेशन सेंटर। मोदी ने कहा कि गरीबों को इलाज मुहैया कराना महंगा पड़ रहा है, हम हेल्थ सेक्टर में नए अविष्कार करेंगे।
आईआईटी पटना के नए कैंपस का लोकार्पण करते हुए उन्होंने कहा कि आईआईटी के लिए दुनिया के श्रेष्ठ शिक्षकों को भारत लाना चाहते हैं। बिहार के युवा तेजस्वी हैं जो पूरे भारत को तेजस्वी बना सकते हैं। बिहार में सरस्वती बसती हैं।
पटना-मुंबई एसी सुविधा एक्सप्रेस को उन्होंने हरी झंडी दिखाई। रेल मंत्री सुरेश प्रभु के साथ पटना-मुंबई एसी ट्रेन का उद्घाटन किया।
मोदी से नीतीश के सात सवाल
नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री से बिहार के विकास से जुड़े कुछ सवाल पूछे।
उन्होंने कहा कि किसानों से किए न्यूनतम मूल्य का वादा कब पूरा होगा?
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा कब मिलेगा?
14वें वित्त आयोग की रिपोर्ट और बीआरजीएफ की वापसी से बिहार को पांच वर्षों में 50 हजार करोड़ रुपए का नुकसान होगा।’इस आर्थिक नुकसान की भरपाई कैसे होगी?
70 फीसदी निष्क्रिय खातों से कैसे विकास होगा?
बिना संसाधनों के 2022 तक सबको घर कैसे मिलेंगे?
विदेश से काला धन कब वापस आएगा?
आम आदमी के अच्छे दिन कब आएंगे?
नीतीश कुमार ने उद्घाटित हुए प्रोजेक्ट्स में राज्य सरकार के सहयोग की भूमिका बताई। उन्होंने आईआईटी के बारे में पीएम मोदी को कई अहम सुझाव दिए। सीएम ने निवेदन किया कि आईआईटी पटना में नई ब्रांच की पढ़ाई भी शुरू की जाए। पीएम मोदी ने कहा कि आज नीतीश ने कई अच्छी बात कही हैं, मैं उनके सुझावों का स्वागत करता हूं। पीएम मोदी के मंच पर नीतीश कुमार, रामविलास पासवान, रविशंकर और शत्रुघ्न सिन्हा समेत कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।