मोदी ने किया सबसे लंबे पुल का उद्घाटन, भूपेन हजारिका के नाम पर किया ब्रिज का नामकरण
इस पुल के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए अपनी सरकार की तीन साल की उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने लोगों से कहा, 'आप सब लोग अपने फोन का कैमरा ऑन कर लीजिए ताकि पता चले कि कितना बड़ा जश्न हो रहा है। मोदी के इस आह्वान पर लोगों ने अपने मोबाइल फोन के फ्लैश जलाकर पुल के उद्घाटन का उत्सव मनाया।
मोदी ने कहा, वर्ष 2003 में हमारे एक विधायक जगदीश भुइयां ने वाजपेयी जी को यह पुल बनाने की गुजारिश की थी। उन्होंने मंजूरी दे दी थी। अगर अटल जी की सरकार 2004 में दोबारा चुन कर आ गई होती तो ढोला-सादिया ब्रह्मपुत्र पुल आपको 10 साल पहले ही मिल गया होता। अटल जी का सपना आज पूरा हुआ। पीएम ने साथ ही कहा कि असम और अरुणांचल को जोड़ने वाला यह पुल दो राज्यों को करीब लाने के साथ ही पूर्वोत्तर में अर्थक्रांति भी लाएगा।
पीएम मोदी पूर्वोत्तर के लिए किए जाने वाले विकास कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा, चाहे रोड इंफ्रास्ट्रकचर की बात हो, चाहे रेल के इंफ्रास्ट्रकचर की बात हो, फायबर नेटवर्क बिछाना हो... पूरे पूर्वोत्तर को देश के तमाम हिस्सों से जोड़ने का काम तेजी से किया जा रहा है। असम में भाजपा सरकार बनने के पहले ही साल राज्य को कई समस्याओं से मुक्ति मिली है। इसके साथ ही, पीएम मोदी ने ऐलान किया ब्रह्मपुत्र नदी पर बने ढोला-सादिया पुल का नाम प्रसिद्ध लोकगायक भूपेन हजारिका ब्रिज होगा।
जानकारी के अनुसार, इस पुल की अहमियत ना सिर्फ यहां के लोगों के विकास से जुड़ी है, बल्कि सामरिक तौर पर भी यह अहम भागीदारी निभाएगा। इस पुल के निर्माण से सुदूर उत्तर पूर्व के लोगों के आवागमन की सुविधा हो जाएगी, कारोबार को बढ़ावा मिलेगा साथ ही इसके चालू होने से सेना को असम के पोस्ट से अरुणाचल-चीन बॉर्डर पर पहुंचने में मदद मिलेगी।
तीन साल पूरे होने के जश्न के रूप में भाजपा सरकार आज से 15 जून तक 900 जगहों पर अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन करेगी। इस कार्यक्रम को ‘मेकिंग ऑफ डेवलप्ड इंडिया यानी मोदी’ का नाम दिया गया है। 20 दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 300 सांसद, 13 मुख्यमंत्री, 5 उप-मुख्यमंत्री सहित 450 भाजपा नेता शामिल होंगे। इस दौरान भाजपा के मुख्यमंत्री उन राज्यों में भी जाएंगे जहां उनकी पार्टी की सरकार नहीं है। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह आज दोपहर 2.30 बजे पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस वार्ता भी करेंगे।
देश के दो पूर्वोत्तर राज्यों असम और अरुणाचल प्रदेश को जोड़ने वाला ढोला-सादिया ब्रहपुत्र पुल अब देश का सबसे लंबा पुल है। ये हैं इस पुल की अहम बातें-
-ढोला-सादिया पुल की लंबाई 9.15 किलोमीटर है, इस लिहाज से यह बांद्रा-वर्ली सी-लिंक से भी 30% लंबा है।
-यह पुल असम की राजधानी दिसपुर से 540 किमी और अरुणाचल की राजधानी ईटानगर से 300 किलोमीटर दूर है। यहां से चीन की सीमा का एरियल डिस्टेंस या हवाई दूरी 100 किमी से भी कम की है।
-तेजपुर के करीब कलाईभोमोरा पुल के बाद ब्रह्मपुत्र पर अगले 375 किमी याली ढोला तक बीच में कोई दूसरा पुल नहीं है। अभी तक इस इलाके में नदी के आरपार सारे कारोबार नावों के जरिये ही होते रहे हैं।
-इसे बनाने का काम 2011 में शुरू हुआ और इस पूरे प्रोजेक्ट की लागत 950 करोड़ की है। ये पुल 182 खंभों पर टिका है, जो पूर्वोत्तर के दो राज्यों असम-अरुणाचल को जोड़ेगा।
-इससे चीन सीमा तक के सफर में 4 घंटे की कटौती होगी। पुल इतना मजबूत बनाया गया है कि 60 टन के मेन बैटल टैंक भी गुजर सकें। इतना ही नहीं ये भूकंप के झटके भी आसानी से झेल सकता है।
#WATCH: Aerial view of the #DholaSadiya bridge inaugurated by PM Modi in Assam today pic.twitter.com/rvfpK2lSkv
— ANI (@ANI_news) 26 May 2017