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08 August 2017

मध्य प्रदेश: मेधा पाटकर को अस्पताल ले जाने ‘कील लगे डंडे’ के साथ आई पुलिस?

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मध्य प्रदेश के धार जिले के चिखल्दा गांव में अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठी सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को पुलिस ने सोमवार को जबरन वहां से हटा दिया। नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता पाटकर सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के प्रभावितों के लिये उचित पुनर्वास की मांग को लेकर अनशन पर बैठी थीं। वह 27 जुलाई से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठी थीं और सोमवार को उनके अनशन का 12वां दिन था। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक इस दौरान उनकी तबीयत बिगड़ गई और पुलिस ने उन्हें और उनके साथियों को करीब के अस्पताल में दाखिल करवा दिया।

इधर आंदोलन से जुड़े लोगों का आरोप है कि शिवराज सरकार ने आंदोलन को भंग करने के लिए बल प्रयोग किया। इसे लेकर नर्मदा बचाओं आंदोलन के ट्विटर हैंडल से कई ट्वीट किए गए जिसमें पुलिस के डंडे में कीलें लगी हुई दिखाई दे रही है। सोशल मीडिया पर और भी कई लोग इसे शेयर कर रहे हैं।

नर्मदा बचाओ आंदोलन के अकाउंट पर एक तस्वीर के साथ लिखा है, “संवेदना हो तो शिवराज चौहान  जैसी, अस्पताल ले जाने के लिए पुलिस के हाथ में कीलें लगी हुई डंडे भेजते है। संवेदना भी नहीं और संवाद भी नहीं।”

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वहीं आंदोलन से जुड़े अमित कुमार ने ट्वीट किया, “कहीं और सभा करने के बजाय नर्मदा घाटी में आ जाते। पुलिस को कील लगाकर डंडे के साथ भेजकर कैसी सेवा करना चाहते थे।”

शिवराज के बोल

एक तरफ जहां आंदोलन से जुड़े लोग सरकार पर लाठी के दम पर आंदोलन को दबाने का आरोप लगा रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद को संवेदनशील व्यक्ति बताया है। शिवराज सिंह ने  एक के बाद एक कई सारे ट्वीट किए और कहा, “मैं संवेदनशील व्यक्ति हूं। चिकित्सकों की सलाह पर मेधा पाटकर जी व उनके साथियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, गिरफ्तार नहीं किया गया है।”

उन्होंने आगे कहा, “मेधा जी और उनके साथियों की स्थिति हाई कीटोन और शुगर के कारण चिंतनीय थी। इनके स्वास्थ्य और दीर्घ जीवन के लिए हम प्रयासरत हैं।”

शिवराज ने ट्वीट किया, “मैं प्रदेश का प्रथम सेवक हूं और मैं सरदार सरोवर बांध के विस्थापित अपने प्रत्येक भाई-बहन के समुचित पुनर्वास के लिए प्रतिबद्ध हूं।”

 

मेधा का पलटवार

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के द्वारा मेधा पाटकर और उनके साथियो को गिरफ्तार नहीं बल्कि अस्पताल भेजे जाने की बात पर मेधा पाटकर ने सवाल उठाए हैं। मंगलवार को ट्वीट कर मेधा पाटकर ने कहा, “यदि मुख्यमंत्री के हिसाब से मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया है, गिरफ्तार नहीं किया गया तो क्यों मेरे सहयोगियों को मुझसे मिलने की इजाजत नहीं है? मैं अपने लोगों के साथ रहना चाहती हूं।”

इससे पहले पुलिस द्वारा अस्ताल ले जाने के दौरान मेधा ने कहा, "मध्य प्रदेश सरकार 12 दिन के अनशन पर बैठे हुए 12 साथियों को गिरफ्तार करके जवाब दे रही है। अहिंसक आंदोलन का यह कोई जवाब नहीं है। मोदी-शिवराज सरकार के राज में आकंड़ों का खेल, कानून का उल्लंघन और केवल बल प्रयोग किया जा रहा है। यह गांधी के सपनों की हत्या है। पहले अनशन तोड़ो, फिर बात करो। यह हम कैसे मंजूर कर सकते हैं?"

विपक्ष ने की निंदा

मध्य प्रदेश में विपक्ष के नेता अजय सिंह ने ट्वीट कर कहा, “मैं सरदार सरोवर बांध के विस्थापितों पर हुए लाठीचार्ज की निंदा करता हूं। आंदोलन कर रहे विस्थापितों पर शिवराज सरकार के दमन का जवाब प्रदेश की जनता देगी। अपने अधिकारों के लिए आन्दोलन कर रहे नर्मदा के विस्थापितों के हक की लड़ाई हर कीमत पर जारी रहेगी”

 

 

 

 

 

 

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TAGS: Police, lathis, pins, Medha Patkar, hospital, narmada bachao, Shivraj, Madhya Pradesh
OUTLOOK 08 August, 2017
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