झारखंडः पुलिस वाले ही निकले चोर, दो दरोगा और ड्राइवर भेजे गये जेल, यह थी वजह
रांची। पुलिस, चोरों और अपराधियों के खिलाफ काम करती है मगर लोभ में पुलिस वाले ही चोर की भूमिका में दिखे। नतीजा हुआ कि झारखंड पुलिस के दो दरोगा और एक ड्राइवर को गिरफ्तारी के बाद रविवार को जेल भेज दिया गया।
मामला छत्तीसगढ़ के रायपुर गुढ़ियारी के एक आभूषण दुकान नवकार ज्वेलर्स में 80 लाख रुपये के गहनों की चोरी का है। तीन अक्टूबर को झारखंड के सिमडेगा जिला के बांसजोर थाना की पुलिस ने वाहन जांच के दौरान स्कॉर्पिओ से भाग रहे चोरों को चोरी के गहने के साथ पकड़ लिया। लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस को सौंपते समय सिर्फ 25 लाख के गहनों की बरामदगी दिखाई। पड़ताल के बाद छत्तीसगढ़ की पुलिस ने झारखंड पुलिस से इस खेल की शिकायत की तो जांच टीम गठित की गई। जांच टीम ने छिपाये गये 55 लाख के गहनों को गोताखोरों की मदद से सिमडेगा के लुड़गी नदी से बरामद भी कर लिया है। दरअसल जांच में पकड़े जाने के डर से बांसजोरी के ओपी प्रभारी आशीष कुमार ने नी में फेंक दिया था। नदी में फेंकने के लिए वह बाइक से ही जा रहा था मगर दुर्घटना में घायल हो गया। पुलिस की एक टीम उसी तरफ जा रही थी। एक पुलिसकर्मी को जेवारात वाला थैला मिला जिसे उसने आशीष को वापस कर दिया। तब घायल अवस्था में ही उसने झोला नदी में फेंक दिया।
आभूषण गायब करने के आरोपी बांसजोरी ओपी के प्रभारी, 2018 बैच के दरोगा आशीष कुमार ने राज खुलता देख शनिवार को कलाई काट आत्महत्या की कोशिश की। नोट भी लिख छोड़ा जिसमें अपराध स्वीकार करते हुए लिखा कि गलती पकड़ी गई। लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे, एसपी से भी वह नजर नहीं मिला पा रहा। बहरहाल इस मामले में बांसजोरी के ओपी प्रभारी दरोगा आशीष कुमार, एक अन्य दरोगा संदीप कुमार और चालक आरक्षी शाहिद रजा खान को रविवार को जेल भेज दिया गया। शनिवार को ही तीनों की गिरफ्तारी हुई थी।