बसों पर सियासत गरमाई, कांग्रेस ने बसें उपलब्ध कराने के लिए यूपी सरकार से शाम तक का समय मांगा
उत्तर प्रदेश की सीमा पर फंसे प्रवासियों को घर पहुंचाने की कांग्रेस की कोशिश पर तकरार खत्म नहीं हो रही है। राज्य सरकार ने पार्टी से दिन के 12 बजे तक गाजियाबाद और नोएडा जिलाधिकारी को पांच-पांच सौ बसें सुपुर्द करने को कहा था। इस पर कांग्रेस ने कहा है कि बसें राजस्थान से आ रही हैं, इसलिए ये शाम पांच बजे तक उपलब्ध हो सकेंगी।
कांग्रेस महासचिव के निजी सचिव संदीप सिंह की तरफ से अपर गृह सचिव अवनीश अवस्थी को देर रात कड़ी चिट्ठी के बाद यूपी सरकार ने ये बसें जिलाधिकारियों को उपलब्ध कराने को कहा था। पत्र में कहा गया था कि कौशाम्बी और साहिबाबाद बस अड्डे के साथ नोएडा में एक्सपो मार्ट के पास ये बसें मुहैया कराई जाएं। इस बीच, योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने बसों की जो सूची दी है उसमें तिपहिया और टाटा के मैजिक वाहन हैं।
सोमवार रात से ही शुरू हो गई चिट्ठी-पत्री
इससे पहले सोमवार को देर रात से लेकर मंगलवार की सुबह तक इसको लेकर गरमागरम चिट्ठी-पत्री चली। सोमवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से ऑफर किए गए एक हजार बसों के प्रस्ताव को मान लिया था। प्रदेश सरकार ने कांग्रेस से उन बसों की डिटेल के साथ ड्राइवरों की सूची और दूसरे डिटेल मांगे थे। कांग्रेस ने इनकी सूची और डिटेल मुहैया करा दिया। लेकिन कुछ ही घंटों में यूपी सरकार ने उन बसों को मंगलवार की सुबह तक लखनऊ भेजने को कह दिया।
प्रियंका ने अपर गृह सचिव को लिखी चिट्ठी
सवाल यह भी उठ रहे हैं कि जब भारी संख्या में प्रवासी गाजियाबाद और गौतमबुद्ध नगर की सीमाओं पर फंसे हैं तो बसों को लखनऊ में हैंडओवर करने को क्यों कहा जा रहा है। इस लालफीताशाही का विरोध करते हुए प्रियंका गांधी ने रात 2 बजकर 10 मिनट पर उत्तर प्रदेश सरकार के अपर सचिव, गृह अवनीश अवस्थी को चिट्ठी लिखी है। प्रियंका की चिट्ठी के मुताबिक सोमवार को रात 11 बजकर 40 मिनट पर अवस्थी की ओर से संदेश मिला, जिसमें बसों को तमाम दस्तावेजों के साथ 10 बजे सुबह तक लखनऊ में पहुंचने की अपेक्षा की गई। खाली बसें लखनऊ भेजना कहीं से उचित नहीं है।
‘गरीबों की मदद में यूपी सरकार की रुचि नहीं’
प्रियंका ने अपर सचिव-गृह, अवस्थी को लिखे पत्र में लिखा है कि प्रवासी मजदूर यूपी की सीमाओं पर गाजियाबाद और नोएडा में फंसे हैं। लाखों की संख्या में मजदूरों की भीड़ और उनकी विकट हालत को टीवी के जरिए पूरा देश देख रहा है, तो ऐसे में खाली बसों को लखनऊ में मंगाने का औचित्य क्या है। उन्होंने कहा है कि यह न केवल संसाधनों की बर्बादी है बल्कि हद दर्जे की अमानवीयता और गरीब विरोधी मानसिकता है। प्रियंका ने सरकार के इस रुख को पूरी तरह से राजनीति प्रेरित बताया है और आरोप लगाया है कि गरीबों की मदद में शायद यूपी सरकार की रुचि नहीं।
गाजियाबाद, नोएडा से बसें चलने पर संशय
कांग्रेस महासचिव ने कहा है कि हम प्रवासी श्रमिकों को मदद करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने अपर गृह सचिव से मांग की है कि वे गाजीपुर, नोएडा और गाजियाबाद बॉर्डर पर अपने अधिकारी नियुक्त करें जो बसों के संचालन के लिए तमाम औपचारिकताओं को पूरा कर सकें। प्रियंका की चिट्ठी और यूपी सरकार के ताजा रुख से साफ है कि प्रवासियों के लिए यूपी बॉर्डर पर तैयार बसों के संचालन को लेकर एक बार फिर असमंजस बरकरार है।
सरकार की ओर से सिद्धार्थनाथ सिंह ने संभाला मोर्चा
बसों पर सियासत तेज होते ही योगी सरकार के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह सामने आए और आनन-फानन में बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि कांग्रेस ने बसों की जो सूची दी है उसमें तिपहिया और टाटा के मैजिक वाहन हैं। सरकारी पोर्टल वाहन पर इन गाड़ियों का नंबर मिलान किया गया है। उन्होंने कहा कि हम सभी 1,000 बसों की जानकारी इकट्ठा करेंगे। सिंह ने कहा कि कांग्रेस इस पूरे मामले में संवेदनशील नहीं है। वह प्रवासियों की समस्या को अपने लिए फोटोऑफ के तौर पर देख रही है। उन्होंने सोनिया गांधी से सवाल किया कि वे बताए कि राहुल और प्रियंका ये फर्जीवाड़ा अपने स्तर से कर रहे हैं या इसमें वह भी शामिल हैं। उन्होंने कांग्रेस को ' राहुल और प्रियंका की फर्जीवाड़ा कांग्रेस पार्टी ' बताया।
योगी ने कहा था, कांग्रेस कर रही ओछी राजनीति
सोमवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर ओछी और नकारात्मक राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा था कि उन्हें बसों की कोई सूची मुहैया नहीं कराई गई। उन्होंने कहा था कि मैं कांग्रेस के नेताओं से कहना चाहूंगा कि इस कोरोना काल में ओछी राजनीति करना बंद करें। कांग्रेस के नेताओं ने इस संकट की घड़ी को मजाक बनाकर रख दिया है।