कासनी ने लगाए खट्टर सरकार पर आरोप, कहा- निजी हितों के चलते किया था बावल भूमि अधिग्रहण रद्द
सेवानिवृत्त आईएएस प्रदीप कासनी ने कांग्रेस में शामिल होते ही खट्टर सरकार पर आरोप लगाया है कि निजी हितों के चलते बावल भूमि अधिग्रहण को रद्द किया गया। इस मामले को लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हमला बोलते हुए कहा कि सीएम नहीं चाहते थे कि किसानों को जमीन का ज्यादा पैसा मिले।
कासनी ने यह आरोप कांग्रेस में शामिल होने के बाद पार्टी कार्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए लगाए। कासनी उस दौरान गुरुग्राम के मंडलायुक्त थे।
कासनी ने कहा कि उन्होंने मंडल आयुक्त होने के नाते पूरे प्रोजेक्ट में निष्पक्षता के साथ काम किया और किसानों को औसतन 2 करोड़ रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा घोषित कर दिया। सरकार चाहती थी किसानों को 30 से 40 लाख रुपये प्रति एकड़ की दर से मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि वह मुख्यमंत्री से करीब 9 बार हरियाणा भवन दिल्ली में मिले। मुख्यमंत्री हर बार उन पर इस बात के लिए दबाव बनाते थे कि मुआवजे की राशि को अधिक न किया जाए।
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत तथा लोक निर्माण मंत्री राव नरबीर सिंह यह चाहते थे कि बावल में किसानों को अधिक से अधिक मुआवजा मिले। उन्होंने कहा कि सरकार बगैर कोई नियम व तरीका अपनाए मुझ पर इस बात के लिए दबाव बना रही थी कि किसानों को कम मुआवजा घोषित किया जाए। आखिर में सरकार ने बावल भूमि अधिग्रहण को रद्द कर दिया।
चुनाव लड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि प्रदेशाध्यक्ष तंवर जैसा चाहेंगे वैसा करेंगे। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने छूट दी है कि यदि पार्टी में भी कुछ गलत हो तो वह बोल सकते हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के संदर्भ में पूछने पर उन्होंने कहा कि केजरीवाल बेईमानी से बात करते हैं।