राम मंदिर पर सियासत तेज, अयोध्या में प्रवीण तोगड़िया के कार्यक्रम पर लगी रोक
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सियासत तेज हो गई है। अयोध्या में संतों सहित कई हिन्दू संगठन राम मंदिर की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में प्रवीण तोगड़िया के अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद ने ‘अयोध्या कूच' कार्यक्रम को लेकर तैयारी शुरू कर दी है। जबकि प्रशासन ने धारा 144 का हवाला देते हुए कार्यक्रम को मंजूरी देने से मना कर दिया है। इस पर राष्ट्रीय बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज कुमार का कहना है कि सरयू तट पर वजू कराने के लिए अनुमति देते हैं, लेकिन हम मंदिर निर्माण की बात कर रहे हैं तो हमें रोका जा रहा है।
22 अक्टूबर को 'अयोध्या कूच' की तैयारी
अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के कार्यकर्ता 21 अक्टूबर को लखनऊ में विशाल सभा के बाद पद यात्रा करते हुए बाराबंकी पहुंचेंगे, जहां रात्रि विश्राम के बाद वाहनों से 22 अक्टूबर को सुबह अयोध्या पहुंचेंगे। सरयू घाट पर 24 घंटे का सामूहिक अनशन का कार्यक्रम किया जाना प्रस्तावित है। फिर 23 अक्टूबर को सरयू तट पर संकल्प सभा का आयोजन किया जाएगा। इसके बाद सभी अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों का राम जन्मभूमि में विराजमान रामलला का दर्शन करने का कार्यक्रम प्रस्तावित हैं। कार्यक्रम को लेकर अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद का दावा है कि लाखों की संख्या राम भक्त अयोध्या पहुंचेंगे। जिस कारण जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम को मंजूरी देने के लिए साफ साफ मना कर दिया है।
'अनुमति ना मिलने पर शांतिपूर्वक ढंग से करेंगे कार्यक्रम'
अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के संगठन मंत्री जितेंद्र शास्त्री ने प्रशासन द्वारा रोक लगाने पर बताया कि संगठन द्वारा अयोध्या कूच का कार्यक्रम पूर्व निर्धारित था। इसकी जानकारी प्रशासन को दी गई थी, लेकिन सरकार के दबाव के कारण प्रशासन अनुमति देने से इनकार कर रहा है। राम मंदिर कि मांग देश के हिन्दुओं की आस्था का सवाल है। हमने शांति पूर्वक अयोध्या में कार्यक्रम करने के लिए कहा है। अगर प्रशासन अनुमति नहीं देता है तो भी हम कार्यक्रम लोकतान्त्रिक तरीके से शांतिपूर्वक करेंगे। अयोध्या सीओ राजू कुमार साव ने बताया कि अयोध्या में धारा 144 लागू है। अयोध्या में शांति व्यवस्था को भंग नहीं करने दिया जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद द्वारा किसी भी प्रकार का धरना और सभा नहीं करने दिया जाएगा, लेकिन यदि सरयू स्नान और मंदिरों में दर्शन करने के लिए लोग आते हैं तो उन्हें शांति पूर्वक दर्शन कराया जाएगा।
डीएम फैजाबाद ने अनुमति नहीं दिए जाने की पुष्टि की है। उनका कहना है कि अगर इसके बावजूद कोई कार्यक्रम किया जाता है तो इसके लिए गोपनीय रणनीति तैयार की गई है। राष्ट्रीय बजरंग दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनोज कुमार का कहना है कि राष्ट्रीय बजरंग दल के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद के संरक्षण में कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस समय देश में हिटलर का कानून चल रहा है। उनका कहना है कि हाल ही संघ प्रमुख का बयान आया है कि मंदिर निर्माण के लिए सरकार अध्यादेश लेकर आए। यह बात उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के रिटायर होने के बाद क्यों कही। पहले तो उन्होंने कोर्ट पर भरोसा जताया था, कहीं यह भी जुमला तो नहीं।