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15 September 2017

अखिलेश के फ्लैगशिप गोमती रिवर फ्रंट पर योगी सरकार की टेढ़ी नजर, नपेंगे कई अधिकारी

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के एक फ्लैगशिप प्रोजेक्ट, गोमती रिवर फ्रंट डेवलपमेंट में कथित भ्रष्टाचार को लेकर सिंचाई विभाग के कई वरिष्ठ अभियंताओं पर सख्त कार्यवाही की तैयारी हो रही है।

वैसे इस मामले में प्रदेश सरकार ने पहले ही सीबीआई जांच की सिफारिश कर रखी है, परन्तु विभाग अपने स्तर पर भी जांच एवं कार्यवाही कर रहा है।

सूत्रों के अनुसार इस मामले में उच्च स्तर पर प्रोजेक्ट में दोषी पाए गए मुख्य अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंताओं तक के निलंबन का फैसला किया जा चुका है और आदेश जल्द ही निर्गत किये जायेंगे।

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विदित हो कि मार्च 19, 2017 को मुख्यमंत्री बनने के एक हफ्ते के अन्दर ही  योगी आदित्यनाथ ने गोमती रिवर फ्रंट का औचक निरक्षण किया था और प्रोजेक्ट में तथाकथिक घोटाले, देरी और शाहखर्ची पर रोष व्यक्त किया था।

इस प्रोजेक्ट पर करीब 1,500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान था, परन्तु पूरी धनराशी व्यय करने के बाद भी प्रोजेक्ट अभी आधाअधूरा ही है। बाद में योगी नें इस प्रोजेक्ट की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे, जिसमें अभियंताओं की लापरवाही और संलिप्तता पाई गयी थी।

इस मामले में तत्कालीन मुख्य सचिव अलोक रंजन और सिचाई विभाग के प्रमुख सचिव दीपक सिंघल, जो कि बाद में अखिलेश शासन के आखरी दिनों में मुख्य सचिव की कुर्सी पर भी बैठे, की भूमिका की भी जांच की थी, परन्तु उनकी कोई संलिप्ता नहीं पाई गई थी।

अखिलेश सरकार के कई अन्य बड़े प्रोजेक्ट भी योगी सरकार द्वारा जांच के दायरे में आ चुके हैं, जिसमे प्रमुख रूप से आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे है। इस प्रोजेक्ट को लेकर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी कई बार तंज कस चुके है कि इस एक्सप्रेसवे की निर्माण लागत सरकारी संस्था NHAI की निर्माण लागत से काफी अधिक है।

  

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TAGS: Preparations, tough action, senior engineers, corruption, Gomti River Front Development, YOGI, UTTARPRADESH
OUTLOOK 15 September, 2017
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