बोडो समझौते के बाद पीएम मोदी का पहला असम दौरा आज, कोकराझार में करेंगे रैली
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहली बार पूर्वोत्तर के दौरे पर असम के कोकराझार जा रहे हैं। बोडो समझौते को लेकर आयोजित कार्यक्रम में पीएम मोदी शिरकत करेंगे। असम यात्रा के दौरान मोदी यहां एक रैली को भी संबोधित करेंगे, लेकिन उससे पहले वहां स्वागत की तैयारी जबरदस्त है।
नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पिछले साल दिसंबर में विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद पीएम मोदी का यह पहला असम दौरा है। इससे पहले गुरुवार को कोकराझार के लोगों ने सड़कों और गलियों में 70 हजार मिट्टी के दीए जलाकर अपनी खुशी जाहिर की। इस दौरान ऑल बोडो स्टूडेंट यूनियन इस दौरान बाइक रैली भी निकाली।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोडो समझौते की खुशी में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने कोकराझार आ रहे हैं। पीएम के स्वागत में जगह-जगह बड़े बैनर लगाए गए हैं। असम के विभिन्न जनजाति समूहों के कलाकार पीएम के स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम की तैयारियों को अंतिम रूप देते नजर आए।
मैं असम में दौरे को लेकर उत्सुक हूं- पीएम मोदी
गुरुवार को प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा, 'मैं असम में दौरे को लेकर उत्सुक हूं। मैं एक जनसभा को संबोधित करने के लिए कोकराझार में रहूंगा। हम बोडो समझौते पर सफलतापूर्वक हस्ताक्षर किए जाने का जश्न मनाएंगे जिससे दशकों की समस्या का अंत होगा।' उन्होंने कहा कि यह समझौता शांति और प्रगति के नये युग की शुरूआत का प्रतीक होगा।
1615 उग्रवादियों ने डाले अपने हथियार
गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 27 जनवरी को बोडो समझौते पर हस्ताक्षर किया गया था। समझौते के दो दिन के भीतर नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड के अलग-अलग गुटों के करीब 1615 उग्रवादी अपने हथियार डाल कर मुख्यधारा में शामिल हो चुके हैं। समझौते के तहत क्षेत्र के विकास के लिए करीब 1500 करोड़ रुपये का विशेष पैकेज रखा गया है।
नागरिकता कानून विरोध के कारण रद्द हुआ था दौरा
नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद ये प्रधानमंत्री का पूर्वोत्तर का ये पहला दौरा है। दिसंबर में जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ पीएम मोदी गुवाहाटी में शिखर सम्मेलन करने वाले थे, लेकिन सीएए विरोधी आंदोलनों की वजह से पीएम का दौरा रद्द हो गया।
रैली में लाखों लोगों के आने की उम्मीद
बोडोलैंड टेरिटोरियल एरिया डिस्ट्रिक्स जिलों- कोकराझार, बक्सा, उदलगुड़ी और चिरांग और पूरे असम के चार लाख से ज्यादा लोगों के इस कार्यक्रम में शिरकत करने की उम्मीद है।