पंजाब चुनाव-2017ः बेरोजगारी और नशा हर पार्टी के मुद्दे
पंजाब कांग्रेस के प्रमुख अमरिंदर सिंह ने वित्त मंत्री अरुण जेटली को अमृतसर से लोकसभा उप-चुनाव लड़ने की चुनौती देते हुए कहा कि इस चुनाव को नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी के कदम पर जनादेश बनने दें। जेटली 2014 में अमृतसर संसदीय क्षेत्र से सिंह से भारी मतों से हार गए थे। सिंह ने यह भी कहा कि आगामी पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए सभी सीटों पर कांग्रेस के टिकटों के आवंटन को तीन दिसंबर को यहां कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में होने वाली कांग्रेस चुनावी समिति की बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा।
उधर आम आदमी पार्टी भी ग्राउंड स्तर पर मतदाताओं को जोड़ने में लगी हुई है। हालांकि जनता के बीच शिरोमणि अकाली दल को लेकर भारी नाराजगी है। भ्रष्टाचार, ट्रांसपोर्ट, खनन और शराब में बादल परिवार की तथाकथित भागीदारी और राज्य में नशों के खिलाफ जनता में भारी आक्रोष है। लेकिन आम आदमी पार्टी की एक दिक्कत है कि पार्टी अभी तक भी मुख्यमंत्री पद का उम्मीद्वार तय नहीं कर पाई है। दूसरी ओर वैसे कांग्रेस मैदान में है लेकिन कैप्टन अमरिंदर सिंह और राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा के रिश्तों में खटास अभी भी दूर नहीं हुई है। कांग्रेस के बड़े नेता आपसी लड़ाई से ही बाहर नहीं निकले हैं।
मुद्दों की जहां तक बात है तो पंजाब में किसानों, बेरोजगारी, उद्योग और नशे इस वक्त ज्वलंत और राजनीतिक मुद्दे हैं। इन समस्याओं से निजात पाने के लिए किसी भी पार्टी के पास कोई को पुख्ता समाधान नहीं है।