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04 February 2018

‘आधार’ की सुरक्षा में सेंध लगाकर राशन दुकानदारों ने चुराया अनाज, दो गिरफ्तार

गुजरात सरकार ने नेशनल फूड सिक्युरिटी एक्ट के तहत अप्रैल, 2016 में अन्नपूर्णा योजना शुरू की थी। इसके जरिए सरकारी राशन की दुकानों को बाद में कंम्युटराइज्ड कर पंडित दीनदयाल ग्राहक भंडार नाम दिया गया। इसका मक्सद था कि राशन की चोरी रुके और यह जरूरतमंदों को मिले। लेकिन इन तमाम सुरक्षा उपायों को धता बताते हुए सूरत में आधार डाटा की सुरक्षा में सेंध लगाकर अनाज चुराने का मामला सामने आया है।

एनडीटीवी के मुताबिक, दो सरकारी राशन दुकानदारों पर आरोप है कि वे जाली सॉफ्टवेयर की सहायता से जरूरमंदों का राशन चोरी कर रहे थे। क्राइम ब्रांच ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी दुकानदारों बाबूभाई बोरिवाल (53) और संपतलाल शाह (61) ने किसी अपरिचित शख्स से सॉफ्टवेयर और जरूरतमंदों का बॉयोमैट्रिक डाटा हासिल किया। इसकी मदद से राशन खरीदने वालों का फर्जी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा था।

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बता दें कि सरकार ने दुकान मालिकों के लिए एक एप्लीकेशन (E-FPS) तैयार किया। इसमें राशन लेने वाले सभी जरूरतमंदों का डाटा पहले से सुरक्षित रखा गया है। दुकानदारों को राशन खरीदने वाले लोगों का इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड रखने के लिए यूजर आईडी और पासवर्ड भी दिया गया। इसके कारण अब राशन लेने वाले लोगों को दुकान पर जाकर सिर्फ अपना आधार नंबर और फिंगर प्रिंट की जानकारी देनी होती है। आधार के बॉयोमैट्रिक डाटा से जानकारी मैच होने के बाद एक पर्ची भी निकलती है। इसके बावजूद इस तरह की घटना ने आधार सुरक्षा संबंधी मसलों पर फिर से गंभीर सवाल उठा दिया है।

अब क्राइम ब्रांच की टीम फर्जी सॉफ्टवेयर और बॉयोमैट्रिक डाटा उपलब्ध कराने वाले सरगना की तलाश कर रही है। इसे लेकर अधिकारियों ने सूरत में आपराधिक धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत अलग-अलग 8 रिपोर्ट दर्ज कराई हैं।

 

 

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TAGS: Ration shoppers, steal the grain, breaking, security, Aadhaar, Two arrested
OUTLOOK 04 February, 2018
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