केदारनाथ रूट पर बादल फटने के बाद बचाव अभियान जारी, वायुसेना के चिनूक और एमआई17 हेलीकॉप्टर तैनात
भारतीय वायुसेना के चिनूक और एमआई 17 हेलीकॉप्टर शुक्रवार को उत्तराखंड में बचाव अभियान में शामिल हो गए, ताकि केदारनाथ के बारिश से तबाह हुए पैदल मार्ग पर फंसे 500 से अधिक तीर्थयात्रियों को निकाला जा सके। पहले चरण में 10 तीर्थयात्रियों को हवाई मार्ग से निकाला गया।
गौरतलब है कि बुधवार रात लिनचोली के पास जंगलचट्टी में बादल फटने के परिणामस्वरूप मार्ग को भारी नुकसान पहुंचा। अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार सुबह दस तीर्थयात्रियों को एमआई17 हेलीकॉप्टर से गौचर हवाई पट्टी पर उतारा गया।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने दो हेल्पलाइन नंबर - 7579257572 और 01364-233387 तथा एक आपातकालीन नंबर 112 भी जारी किया है, ताकि लोगों को तीर्थयात्रियों के बीच फंसे अपने परिजनों के बारे में जानकारी मिल सके।
बुधवार की रात मंदाकिनी की प्रचंड धारा में सड़क का 20-25 मीटर हिस्सा बह जाने के कारण तीर्थयात्री गौरीकुंड-केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भीमबली से आगे फंस गए थे।
हिमालयी मंदिर तक जाने वाला ट्रेक मार्ग घोरापारा, लिनचोली, बड़ी लिनचोली और भीमबली में चट्टानों के कारण अवरुद्ध है। हालांकि, अधिकारियों ने बताया कि फंसे हुए तीर्थयात्री सुरक्षित हैं। उनके बीच करीब 5,000 खाद्य पैकेट वितरित किए गए हैं।
केदारनाथ यात्रा को फिलहाल रोक दिया गया है तथा जिला प्रशासन ने एक परामर्श जारी कर तीर्थयात्रियों से कहा है कि वे जहां हैं वहीं तब तक प्रतीक्षा करें जब तक मार्ग से मलबा साफ नहीं हो जाता तथा यातायात बहाल नहीं हो जाता।
गुरुवार को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ कर्मियों द्वारा हवाई और सतही बचाव अभियान चलाकर 3,000 से अधिक तीर्थयात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। गुरुवार को पीएमओ द्वारा राज्य की स्थिति पर अद्यतन जानकारी लेने के बाद चल रहे बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए चिनूक और एम117 हेलीकॉप्टर भेजे गए।