बचावकर्मियों को उन जगहों पर तैनात किया जाएगा जहां शव मिलने की संभावना अधिक है: केरल के मंत्री
केरल के पर्यटन मंत्री पी ए मोहम्मद रियास ने रविवार को कहा कि भूस्खलन प्रभावित वायनाड जिले में तलाश एवं बचाव अभियान छठे दिन भी जारी रहेगा।
रियास ने कहा कि उन स्थानों पर अधिक बचावकर्मियों और उपकरणों को तैनात किया जाएगा जहां अधिक शव मिलने की संभावना है। उन्होंने कहा कि वायनाड, मलप्पुरम और कोझिकोड जिलों से होकर बहने वाली चलियार नदी के 40 किलोमीटर के क्षेत्र में तलाश अभियान जारी रहेगा क्योंकि मलप्पुरम में नीलांबुर के पास इस नदी से कई शव और मानव शरीर के अंग बरामद किए गए हैं।
मंत्री ने एक टीवी चैनल को बताया कि भूस्खलन से तबाह हुए मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में भी तलाश अभियान जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि उन स्थानों पर अधिक बल और उपकरणों को तैनात किया जा रहा है जहां मलबे के नीचे शव फंसे होने की संभावना अधिक है।
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र से सुरक्षित निकाले गए लोगों के पुनर्वास के संबंध में रियास ने कहा कि सभी के साथ चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग राहत शिविरों और अस्पतालों में भर्ती हैं, उनके विचारों पर खासतौर पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ”शिविरों और अस्पतालों में मौजूद लोगों की राय को प्राथमिकता दी जाएगी।”
पर्यटन मंत्री ने कहा कि लेकिन यह चर्चा तब होगी जब पीड़ित इस विषय पर बात करने के लिए मानसिक तौर पर स्वस्थ होंगे। रियास ने कहा कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बच्चों की शिक्षा में कोई बाधा न आए, इसके लिए जरुरी कदम उठाए जाएंगे।
जिला प्रशासन के मुताबिक, वायनाड जिले में बड़े पैमाने पर हुई भूस्खलन की घटनाओं में मरने वालों की संख्या बढ़कर 219 हो गई है और अब तक शरीर के 143 अंग भी बरामद किए जा चुके हैं। इसके अलावा 206 लोग अब भी लापता हैं।
वायनाड जिले में सैकड़ों लोगों की जान लेने वाले भूस्खलन के पांचवें दिन शनिवार को बचावकर्मियों ने जीवित बचे लोगों या मृतकों का पता लगाने के लिए उन्नत रडार, ड्रोन और भारी मशीनरी का इस्तेमाल किया। राज्य सरकार ने विस्थापित पीड़ितों के पुनर्वास के लिए एक नयी टाउनशिप स्थापित करने की शनिवार को घोषणा की।